राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी। मोदी ने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांपकर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को। पार्टी में भगदड़ की आशंका है।मोदी ने कहा कि जदयू पर वजूद बचाने का ऐसा संकट पहले कभी नहीं था, इसलिए नीतीश कुमार ने 18 साल में कभी विधायकों को नहीं पूछा। आज वे हरेक से अलग से मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बंटवारें में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीट नहीं आएगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी। यह भी विद्रोह का कारण बन सकता है।
नीतीश कुमार ने विधायकों से बिना पूछे भाजपा से गठबंधन तोड़ा, लालू प्रसाद से फिर हाथ मिलाया और बिहार में विकास की रफ्तार तोड़ी। इससे दल के भीतर असंतोष लगातार बढ़ता रहा है। अब वन-टू-वन बातचीत से आग बुझने वाली नहीं है।