नई दिल्ली: सीरो सर्वे की चौथी रिपोर्ट में पाया गया है कि देश की करीब 40 करोड़ आबादी अब भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है. छह साल से अधिक उम्र की आबादी के दो-तिहाई हिस्से में सार्स-सीओवी-2 एंटीबॉडी पाया गया है. जून और जुलाई में 21 राज्यों के 70 जिलों में किए गए इस सर्वे में 28,975 से अधिक लोगों (वयस्कों और बच्चों) के अलावा 7252 स्वास्थ्य कर्मियों को भी शामिल किया गया था. सर्वे में कुल 67.6 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाया गया.
आईसीएमआर ने बताया, छह से नौ साल की उम्र के बच्चों में एंटीबॉडी 57.2 फीसदी, 10-17 उम्र में 61.6 फीसदी, 18-44 साल के लोगों में 66.7 फीसदी, 45-60 उम्र में 77.6 फीसदी और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में 76.7 फीसदी एंटीबॉडी पाया गया. दिसंबर-जनवरी 2021 में किए गए तीसरे दौर के सीरो सर्वे में एंटीबॉडी 24.1 फीसदी पाया गया था.
सर्वे में शामिल किए गए स्वास्थ्य कर्मियों में 85 फीसदी में एंटीबॉडी मिला है और स्वास्थ्य कर्मियों में 10 फीसदी का अब तक टीकाकरण नहीं हुआ है. सरकार ने कहा कि सर्वे के नतीजों से उम्मीद की एक किरण नजर आ रही है लेकिन ढिलाई के लिए कोई जगह नहीं है और कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन जारी रखना होगा.
एक तिहाई आबादी में एंटीबॉडी नहीं
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि एक तिहाई आबादी में एंटीबॉडी नहीं पाया गया, जिसका मतलब है कि करीब 40 करोड़ लोगों को अब भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है. बगैर एंटीबॉडी वाले लोगों को संक्रमण की लहर से खतरा है. आधे से अधिक बच्चों (6-17 उम्र) में एंटीबॉडी पाया गया, जो ग्रामीण और शहरी इलाकों में एकसमान है. वयस्कों की आबादी में सर्वे में शामिल किए गए 12,607 लोगों को टीका नहीं लगा है, जो 62.2 फीसदी है जबकि 24.8 फीसदी या 5038 लोगों को टीके की एक खुराक लगी है. वहीं 13 फीसदी या 2631 को दोनों खुराक लगी है.
ग्रामीण इलाकों में एंटीबॉडी 66.7 फीसदी लोगों में, जबकि शहरी इलाकों में 69.6 फीसदी लोगों में पाया गया. टीकाकरण स्थिति के मुताबिक टीका नहीं लगवाने वाले 62.3 फीसदी लोगों, एक खुराक लेने वाले 81 फीसदी लोगों जबकि दोनों खुराक ले चुके 89.8 फीसदी लोगों में यह पाया गया.
पिछले सीरो सर्वे की रिपोर्ट
मई-जून 2020 में किए गए पहले सीरो सर्वे में 0.7 फीसदी लोगों में, अगस्त-सितंबर 2000 में 7.1 फीसदी, दिसंबर-जनवरी में किए गए सीरो सर्वे में 24.1 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाया गया. भार्गव ने कहा कि यहां एक महत्वपूर्ण बात यह याद रखने की जरूरत है कि राष्ट्रीय सीरो सर्वे स्थानीय (राज्य या जिला) स्तर के सर्वे का विकल्प नहीं है. यह देश में स्थिति का सिर्फ एक साधारण अनुमान भर है. लेकिन राज्य दर राज्य इसमें विविधता है. राज्य स्तर पर विविधिता संक्रमण के भविष्य की लहर का संकेत देता है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से जुड़े नियमों का पालन करने पर जोर देते हुए कहा कि सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक समागम से दूर रहना चाहिए और अनावश्यक यात्राएं टालनी चाहिए और पूरी तरह से टीकाकरण कराने के बाद ही यात्रा करनी चाहिए.