दिल्ली: नोएडा (Noida) में दिल्ली (Delhi) के (Signature Bridge) के तर्ज पर 6 लेन वाला फ्लाई ओवर बनाया जा रहा है. इस फ्लाई ओवर का निर्माण सबसे ज्यादा व्यस्त माने जाने वाले पर्थला चौक (Parthala Chowk) पर किया जा रहा है. फ्लाई ओवर के बन जाने से नोएडा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के लाखों लोगों को फायदा होगा. नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने उम्मीद जताई थी कि 31 अगस्त तक इसका काम पूरा हो जाएगा, लेकिन फिलहाल फ्लाई ओवर का काम धीमी गति से चल रहा है.
इससे यह साफ है कि लोगों को अभी कुछ वक्त और जाम की समस्या से जूझना होगा. दरअसल फ्लाई ओवर के निर्माण से पहले लोग सुबह और शाम में जाम की समस्या से परेशान थे, लेकिन अब इस रूट पर डायवर्जन भी किया जा चुका है, जिससे लोगों को दोपहर में भी जाम की समस्या झेलनी पड़ रही है. सेक्टर 122 में पर्थला चौक पर 6 लेन के फ्लाई ओवर का निर्माण करवा रहा है. इस प्रोजेक्ट की घोषणा दिसंबर 2020 में हुई थी और इसे 2021 के अंत तक पूरा करने का दावा किया गया था, लेकिन यह तब पूरा न हो सका. इसके बाद इसकी समय सीमा जून 2022 तक बढ़ा दी गई थी, लेकिन फिर भी यह पूरा नहीं हो सका.
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने बताया क्यों हुई देरी?
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने 31 अगस्त 2022 तक इसे पूरा करने की बात कही थी. ऐसे में अब 31 अगस्त को 23 दिन बचे हैं, लेकिन फ्लाई ओवर का काम पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. वहीं फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य में हो रही देरी को लेकर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य को तेज करने के लिए कहा गया है, हालांकि इसे पूरा होने में थोड़ा वक्त और लगेगा. उन्होंने बताया गंगाजल की पाइप लाइन और पेड़ों की शिफ्टिंग वगैरह करने में थोड़ा वक्त लग गया, लेकिन अब काम को तेजी से किया जा रहा है.
पर्थला फ्लाई ओवर तैयार होने से 10 लाख से ज्यादा लोगों को होगा फायदा
नोएडा प्राधिकरण के अनुसार सेक्टर 122 में बन रहे इस फ्लाई ओवर के बनने के बाद भविष्य में दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा. फिलहाल डायवर्जन होने की वजह से रोजाना लोगों को परेशानी हो रही है. इस फ्लाई ओवर के तैयार होने से नोएडा के कई सेक्टर जैसे- 51, 52, 61, 70 से 79 तक और 121, 122 सेक्टर के लोगों को आने-जाने में आसानी होगी. इतना ही नहीं इसके बन जाने से दिल्ली के लोग आसानी से गाजियाबाद और हापुड़ जा सकेंगे. ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग बिना सिग्नल के सफर कर सकेंगे.