केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की लोकेशन चीन में दिखाए जाने पर भारत ने ट्विटर के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। संसद की संयुक्त संसदीय समिति ने ट्विटर से मांगा लिखित जवाब मांगा है। समिति ने कहा कि यह आपराधिक मामला है और इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। समिति द्वारा भेजे नोटिस में कहा गया है कि यह कार्रवाइ्र भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ मानी गई है। बता दें कि ट्विटर को इसका लिखित जवाब देना होगा। बता दें कि डाटा प्रोटेक्शन पर संयुक्त संसदीय समिति के सामने ट्विटर प्रतिनिधि पेश हो चुके हैं।
इससे पहले पिछले हफ्ते भारत ने केंद्र शासित प्रदेश लेह की लोकेशन चीन में दिखाने पर ट्विटर को कड़ी चेतावनी दी थर। सरकार ने कहा है कि देश की संप्रभुता और अखंडता का असम्मान करने का ट्विटर का हर प्रयास अस्वीकार्य है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने इस बारे में ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी को कड़े शब्दों में एक पत्र लिखा है। साहनी ने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रयास न सिर्फ ट्विटर की प्रतिष्ठा को कम करता है, बल्कि यह एक माध्यम होने के नाते ट्विटर की निष्पक्षता को भी संदिग्ध बनाता है।
मीडिया में चली खबरों के मुताबिक साहनी ने भारत का गलत मानचित्र दिखाने को लेकर सरकार की नाराजगी जताते हुए ट्विटर सीईओ को कड़े शब्दों में पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि ट्विटर ने लेह की भौगोलिक स्थिति बताते हुए उसे पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बता दिया था। साहनी ने अपने पत्र में ट्विटर को याद दिलाया है कि लेह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का मुख्यालय है। पत्र में कहा गया है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दोनों भारत के अभिन्न व अविभाज्य अंग हैं तथा भारत के संविधान से प्रशासित हैं।
सरकार ने ट्विटर को भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने को कहा है। सरकार ने यह भी साफ कहा है कि भारत की संप्रभुता व अखंडता का असम्मान करने का ट्विटर का कोई भी प्रयास (जैसा कि मानचित्र के मामले में किया गया है), पूरी तरह से गैरकानूनी और अस्वीकार्य है।