देश में महिलाओं की आधी आबादी है. महिलाओं की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद भी देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है. ख़ैर, ये एक डिस्कशन का विषय है. आज हम आपको दिल्ली की रहने वाली भुपिंदर कौर की कहानी बताने जा रहे हैं, जो लीक से हट कर काम कर रही हैं. अपनी सोच से महिलाओं को मज़बूत और सशक्त बना रही हैं. पूर्वी दिल्ली में ये एक ऐसा पेट्रोल पंप चलाती हैं, जिसका संचालन महिलाओं के हाथ में है. कैश काउंटर से लेकर पेट्रोल देने तक की ज़िम्मेदारी महिलाएं ही निभा रही हैं. एनडीटीवी के साथ ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा- मैं महिलाओं के उत्थान के लिए मेहनत कर रही हूं. मेरा सपना है कि देश में महिलाएं सशक्त और मज़बूत हो. बातचीत में उन्होंने कहा कि देश का विकास तभी हो सकता है जब महिलाएं आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से मज़बूत हो.
60 वर्ष की हैं भुपिंदर कौर
HPCL पेट्रोल पंप की मालकिन का नाम भुपिंदर कौर है. इनकी उम्र अभी 60 वर्ष है. वरिष्ठ नागरिक होते हुए अपना पूरा समय अपने पेट्रोल पंप पर ही बिताती हैं. इनका मानना है कि महिलाओं को आगे बढ़ना चाहिए. महिलाएं तभी आगे बढ़ सकती हैं, जब वो आर्थिक रूप से मज़बूत हों. अभी के समय में बहुत ऐसी महिलाएं हैं, जिनके पति नहीं कमाते हैं. ऐसे में घर चलाने के लिए, बच्चों की देखभाल के लिए महिलाओं को पैसे की ज़रूरत होती है. इन्हीं सभी बातों का ध्यान रखकर मैंने अपने पेट्रोल पंप पर महिलाओं को ही रखा.
अनपढ़ महिलाओं का स्वागत है
भुपिंदर कौर बताती हैं कि नौकरी के लिए महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. नौकरी के लिए डिग्री, सेक्योरिटी और तमाम तरह के सर्टिफिकेट्स मांगे जाते हैं, ऐसे में हमने तय किया है कि बिना पढ़ी-लिखी महिलाएं भी हमारे यहां काम कर सकती हैं. हमें सिर्फ महिलाओं के काम से मतलब है. उनके पास डिग्री हो या न हो, हमें फर्क नहीं पड़ता है.
ख़ुद ट्रेनिंग देती हैं
भुपिंदर कौर पेट्रोल पंप में काम करने वाली महिलाओं को ख़ुद ट्रेनिंग देती हैं. 3-4 दिन में ट्रेनिंग देकर उन्हें निर्धारित काम दिया जाता है. कोई कैश काउंटर पर बैठती हैं, तो कोई पेट्रोल भरने का काम करती हैं.
मुस्लिम महिलाएं ज्यादा आती हैं
भुपिंदर कौर बताती हैं कि उनके पेट्रोल पंप पर मुस्लिम महिलाएं ज़्यादा काम करने आती हैं. ये देखकर हमें अच्छा लगता है. आर्थिक रूप से वो ख़ुद को मज़बूत कर रही हैं. अपने पैसों से वो अपने बच्चों को पढ़ाती हैं.
दिल्ली के लक्ष्मीनगर में है ये पेट्रोल पंप
भुपिंदर कौर हमसे बात करते हुए कहती हैं कि पेट्रोल पंप काफी सेंसेटिव एरिया में है, मगर हम यहां सुरक्षित हैं. महिलाओं के साथ किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आती है.
रात की शिफ्ट भी महिलाएं संभालती हैं
इस पेट्रोल पंप में दो शिफ्ट होती हैं. दोनों शिफ्ट की ज़िम्मेदारी महिलाओं के कंधे पर है.
देश को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं का मज़बूत होना बेहद ज़रूरी है, ऐसे में भुपिंदर कौर जैसी महिलाएं हमारे सामने मिसाल हैं. ये न सिर्फ महिलाओं को मज़बूत कर रही हैं बल्कि देश को भी मज़बूत कर रही हैं.