Asaduddin Owaisi: उत्तर प्रदेश के सियासी मैदान में उतरे एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी में उनकी सियासत और उन पर लगने वाले तमाम आरोपों का जवाब दिया. हालांकि ओवैसी ने कहा कि वो अपना चुनावी घोषणापत्र जारी नहीं करते हैं, क्योंकि राजनीतिक दल चुनावों के बाद इसे भूल जाते हैं.
ओवैसी ने कहा कि, यूपी में हर समाज का एक पॉलिटिकल इंपॉर्टेंस है. इसी तरह हमारा भी एक प्रयास है कि यूपी में जो 19 फीसदी मुस्लिम हैं, जिनकी इन तमाम पार्टियों ने कोई पॉलिटिकल लीडरशिप नहीं बनने दी. खासतौर पर अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. जब तक लीडरशिप डेवलप नहीं होगी, तब तक उस वर्ग का विकास नहीं हो सकता
अखिलेश यादव से नहीं हुई कोई बात
क्योंकि यूपी चुनाव से ठीक पहले ओवैसी ने कहा था कि वो बीजेपी और कांग्रेस को छोड़कर किसी से भी गठबंधन कर सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा था कि वो अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब ओवैसी ने कहा कि, उनका कतई ये मतलब नहीं था कि वो अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, उनकी ना तो मुलाकात हुई और ना ही इसे लेकर कोई बातचीत हुई थी
अल्पसंख्यकों पर ही लगते हैं इल्जाम – ओवैसी
तमाम बड़े दलों के किनारा किए जाने को लेकर ओवैसी ने कहा कि, अगर मुझे अछूत समझा जा रहा है तो चुनाव के नतीजे आ जाने दीजिए. उसके बाद सभी को पता चल जाएगा कि वो कहां हैं और हम कहां हैं. उन्होंने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि, कोई दूध का धुला नहीं है. बस फर्क ये है कि आरोप हम पर लगते हैं. आजम खान जैसे लोगों पर भैंस और बकरी चोरी का आरोप लगाया गया. इल्जाम मुसलमान, दलित और आदिवासी पर ही लगता है. कई सालों तक जेलों में सड़ना और बाद में बरी होना… फिर जनता भूल जाती है. जो देश के गृह राज्य मंत्री हैं, उनका बेटा चार लोगों की हत्या कर देता है, लेकिन उनके घर को नहीं उजाड़ा गया और ना ही उनको कुछ हुआ.
‘मुस्लिम लीडरशिप के खिलाफ हैं अखिलेश यादव’
अखिलेश यादव ने ओवैसी पर बीजेपी का साथ देने और उसे फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसे लेकर ओवैसी ने कहा कि, इनको ये लगता है कि मुसलमान की लीडरशिप कभी ना उभर पाए. क्योंकि ये समझते हैं कि मैं यादव हूं और मैं 9 फीसदी हूं और मुस्लिम 19 फीसदी हैं… अगर लीडरशिप बनेगी तो हिस्सेदारी की बात होती है. ये कहते हैं कि हम तुम्हारे अच्छे-बुरे का फैसला करेंगे और आपको कैदी और गुलाम बनाकर रखेंगे. इसीलिए ये लोग लीडरशिप नहीं बनने देना चाहते हैं.
ओवैसी ने कहा कि, मैं बीजेपी के खिलाफ हूं और अखिलेश यादव बीजेपी के साथ हैं. क्योंकि जब संसद में यूएपीए बिल पास हुआ तो असदुद्दीन ओवैसी ने इसका विरोध किया. लेकिन अखिलेश यादव ने इसका समर्थन किया था. हमने बीजेपी के हर फैसले का विरोध किया, क्योंकि उनकी विचारधारा का विरोध करना जरूरी है