लखनऊ: यूपी के चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में माना है कि पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी में लगे तमाम चुनाव कर्मियों की मौत हुई है. यूपी निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह माना कि पंचायत चुनाव के दौरान यूपी के 28 जिलों में 77 पोलिंग अधिकारियों और एजेंट की मौत हुई है. चुनाव आयोग बाकी जिलों में हुई मौतों की जानकारी एक हफ्ते में अदालत को दे देगा. हाई कोर्ट ने मीडिया में 135 शिक्षकों और कर्मचारियों की पंचायत चुनाव ड्यूटी करते हुए कोरोना से मौत की खबरों की नोटिस लेकर चुनाव आयोग से जवाब तलब किया था.
चुनाव आयोग ने अदालत को बताया कि सरकार मरने वाले हर कर्मचारी के परिवार को 30 लाख रुपये की मदद देगी. हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि कोरोना की वैक्सीन के लिए सरकार ने जो ग्लोबल टेंडर दिया है उससे वैक्सीन मंगाने में लंबावक़्त लगेगा. जबकि हमें फौरन वैक्सीन की ज़रूरत है. ऐसे में सरकार जिन देशों से वैक्सीन लेना चाहती है. वहां पर तैनात भारतीय राजनयिकों की मदद से इस प्रक्रिया को जल्दी से जल्दी पूरी करे. अदालत ने इसकी सुनवाई की अगली तारीख 11 मई तय की है.
गौरतलब है कि यूपी में पंचायत चुनाव के दौरान तमाम शिक्षकों और अन्य कर्मियों की मौत का आरोप शिक्षक संगठनों ने लगाया है. पंचायत चुनाव के बाद भी मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर के साथ तमाम जिलों में कोरोना के बड़े पैमाने पर नए मरीज मिल रहे हैं. इन जिलों में कोरोना के इलाज की पर्याप्त सुविधाएं न मिलने, खासकर ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो रही हैं. यूपी में पंचायत चुनाव के बाद सीतापुर, बाराबंकी और गोरखपुर जैसे कई जिलों में हिंसा भी देखने को मिल रही है. उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 28,076 नए केस सामने आए हैं जबकि इस अवधि में 372 लोगों की कोरोना ने जान ली है. यूपी के लिहाज से राहत की खबर है तो वह यह कि पिछले 24 घंटों में 33,117 लोग कोरोना से रिकवर हुए हैं. यह संख्या राज्य में पिछले 24 घंटों में दर्ज हुए नए केसों (28,076 मामले) से अधिक है. पिछले 24 घंटों के 13466 केसों को मिलाकर यूपी में अब तक कुल 14,53,679 केस दर्ज हो चुके हैं. राज्य में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 2,54,118 है ।