उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में शादी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां शादी की तारीख से एक दिन पहले ही दूल्हा बैंड बाजे के साथ बारात लेकर दुल्हन के दरवाजे में पहुंच गया. दूल्हा और बारात को देख कन्या पक्ष के साथ गांव वाले सकते में आ गए. गांव वालों ने आनन-फानन में बारात की तैयारियां की और उनका जोरदार स्वागत किया. इस तरह गांव वालों ने लड़की पक्ष का मान-सम्मान बचाया और शादी कर दुल्हन को घर से विदा किया.
जिले के सिकरोढ़ी गांव के रहने वाले स्वर्गीय रामफल अनुरागी की बेटी रेखा की शादी सदर कोतवाली के पारा पुरवा गांव के बेटाराम के साथ तय हुई थी. शादी की तारीख 27 फरवरी रखी गई थी. धोखे से कार्ड छपाई में 27 फरवरी की जगह 26 फरवरी की तारीख छप गई. वर पक्ष के घर में कोई ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, इसलिए किसी ने तारीख पर गौर नहीं किया और नाते-रिश्तेदारों को कार्ड बांट दिए गए.
कम पढ़ा लिखा है दूल्हे का परिवार
शादी के तय तारीख से पहले ही रिश्तेदारों का आना हो गया. 26 फरवरी को वह लोग बारात लेकर सिकरोढ़ी गांव पहुंच गए. वहां पहुंचने के बाद उन्हें पता चला कि शादी की तारीख 27 फरवरी रखी गई थी. शादी का जो कार्ड छपा था उसमें 26 फरवरी तारीख पड़ी हुई थी. बारातियों ने बताया कि दूल्हा बेटाराम का पूरा परिवार कम पढ़ा लिखा है. इसके चलते किसी ने कार्ड की तारीख में घ्यान ही नहीं दिया और 26 तारीख को ही बारात लेकर लड़की के घर पहुँच गए.
दूल्हा बेटाराम की भाभी कौशिल्या की माने तो पूरी गलती उनके कम पढें लिखे होने के चलते हुई है. सारे रिश्तेदार भी कार्ड की तारीख के हिसाब से उनके घर आ गए. किसी ने भी घ्यान नहीं दिया कि बारात 27 को लेकर जानी है.
गांव वालों ने किया बारातियों का स्वागत
शादी के एक दिन पहले ही दरवाजे पर बैंड बाजे के साथ बारात देखकर लड़की वाले हैरान और परेशान रह गए. गांव के रहने वाले अशोक ने बताया कि रेखा के पिता की मौत हो चुकी है. बारात एक दिन पहले आई तो सारा कार्यक्रम बिगड़ने लगा, लेकिन गांव के सभी लोगों ने मिलकर मदद की. रातों-रात बारात के स्वागत और शादी की पूरी तैयारियां की गई. खाना बनवाकर बारातियों को खिलाया गया और फिर द्वारचार और जयमाल आदि की रस्में करवाई गईं. सुबह फेरे हुए और शाम होते-होते बेटी रेखा को हंसी-खुशी विदा किया गया.