नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद हालात लगातार खराब हो रहे हैं. भारत समेत विभिन्न देश अपने लोगों को वहां से निकालने के प्रयास कर रहे हैं. इस बीच, सरकार ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा के लिए 26 अगस्त को 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने विदेश मंत्रालय को अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रमों (Afghanistan Crisis) के बारे में विभिन्न पार्टियों के नेताओं को जानकारी देने का निर्देश दिया है.
विदेश मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, “अफगानिस्तान के घटनाक्रम के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि विदेश मंत्रालय राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को अफगानिस्तान घटनाक्रम के बारे में जानकारी दे. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी आगे जानकारी देंगे.”
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने में लगा हुआ है. भारतीय दूतावास के कर्मचारियों समेत कई भारतीयों को निकाला जा चुका है. भारत सरकार को काबुल से रोज दो फ्लाइटों के परिचालन की अनुमति मिली है.
भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान से 168 यात्रियों को काबुल से भारत रविवार को लाया गया. इसमें 107 भारतीय भी सवार थे. उनके अलावा, कुछ अफगान सिख और अफगानिस्तान के दो सांसद नरेंद्र सिंह खालसा और अनारकली भी शामिल थीं. इससे पहले, एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा की तीन अलग-अलग उड़ानों से भी लोगों को काबुल से भारत लाया गया.
सोमवार को 146 लोग पहुंचे भारत
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, अफगानिस्तान से निकाले गए भारत के 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से चार अलग-अलग विमानों के जरिये सोमवार को भारत पहुंचे. इन नागरिकों को अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाया गया था. काबुल में निकासी अभियान शुरू करने के बाद दोहा से भारत लाया गया यह भारतीयों का दूसरा जत्था है. इससे पहले, रविवार को दोहा से एक विशेष विमान के जरिये 135 भारतीय दिल्ली पहुंचे थे.