फरीदाबाद जिला अदालत ने कैंची से पत्नी का सिर धड़ से अलग कर टुकड़े-टुकड़े कर उसे दिल्ली में फेंक आने के तीन वर्ष पुराने मामले में एमसीडी कर्मचारी को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।
महिला मूल रूप से गुरुग्राम की रहने वाली थी और उसकी शादी दिल्ली के संजीव कौशिक से हुई थी। गुरुग्राम के सेक्टर-23 ए निवासी ब्रिज शर्मा ने 17 मार्च 2018 को सूरजकुंड थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी तीसरी बहन अंजु कौशिक की शादी हरी नगर आश्रम, नई दिल्ली के रहने वाले संजीव कौशिक के साथ हुई थी। उसकी बहन का 15 साल का बेटा भी है। उसका जीजा संजीव कौशिक एमसीडी दिल्ली में नौकरी करता है। कुछ बाद बहन और जीजा फरीदाबाद की ग्रीन फील्ड कॉलोनी में किराये पर रहने लगे। उसका जीजा उसकी बहन के साथ अक्सर मारपीट करता रहता था। उसने कई बार उसे गला दबाकर मारने की कोशिश भी की थी। आरोप के अनुसार, संजीव को अंजु का किसी से बातचीत करना पसंद नहीं था।
दिल्ली के लाजपतनगर के पास फेंका था सिर
आरोपी ने 17 मार्च 2018 को अपनी पत्नी का किराये के मकान में कत्ल कर दिया था। आरोपी ने अपनी पत्नी के पहले गले पर वार कर उसकी गर्दन तोड़ दी। इसके बाद कैंची से उसका गला धड़ से अलग कर दिया था, जिसके बाद उसने सिर के कई छोटे-छोटे टुकड़े किए। इसके बाद उन टुकड़ों को वो दिल्ली के लाजपतनगर के नीचे फेंक आया। घटना के बाद आरोपी संजीव दो बैग में कपड़े लेकर अपने बेटे के साथ बड़े भाई के घर गया। उससे कहा कि इन कपड़ों को धोबी के पास डालने जा रहा है और उसके बाद से वह गायब हो गया।
धड़ से बेटे ने की थी शव की पहचान
महिला का बेटा जब शक होने पर घर पहुंचा तो दरवाजा बाहर से बंद था। कई बार खटखटाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो उसके बेटे ने इसकी जानकारी अपने ताऊ को दी। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जब दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नजारा देखकर वह भी दंग रह गई। उन्हें घर के बेडरूम में बिना सिर की एक महिला की लाश मिली, जिसकी पहचान अंजू के रूप में उसके बेटे और परिजनों ने की। एडवोकेट रविंद्र गुप्ता ने बताया कि जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना ने इस मामले मे दोषी संजीव कौशिक को सजा सुनाई है।