क्या मोदी खत्म करवाएंगे रूस-यूक्रेन की जंग? दोस्ती कितना दिखाएगी असर, आख़िर कौन हटेगा दो कदम पीछे

उम्मीदों पर दुनिया कायम है और आज दुनिया के तमाम देश इसी उम्मीद में हैं कि जल्द ही रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त हो जाए. हालांकि ये अब धुंधला सा लग रहा है. सोमवार देर शाम जेलेंस्की ने एक ट्वीट कर जानकारी दी की उनकी बात पीएम मोदी से हुई है. 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, उसके बाद से मोदी और ज़ेलेंस्की के बीच यह चौथी टेलीफोन बातचीत थी. वहीं पुतिन से पीएम मोदी के बीच पांच बार बातचीत हो चुकी हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करा देंगे? अगर ऐसा हुआ तो ये न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी बात होगी. लेकिन ये सुनने में जितना आसान लग रहा है उतना आसान नहीं है. क्योंकि पुतिन पीछे कतई नहीं हटेंगे और जेलेंस्की को अमेरिका आसमान में चढ़ाए हुए है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से बात की.जिन्होंने पिछले सप्ताह अपनी अमेरिकी यात्रा पर प्रस्तावित 10 सूत्री शांति सूत्र पर भारत का समर्थन मांगा. फोन पर बातचीत के बाद, जेलेंस्की ने ट्वीट किया, ‘मैंने @PMOIndia नरेंद्र मोदी को फोन किया और एक सफल G-20 राष्ट्रपति पद की कामना की. इसी मंच पर मैंने शांति सूत्र की घोषणा की थी और अब मैं इसके क्रियान्वयन में भारत की भागीदारी पर भरोसा करता हूं. मैंने संयुक्त राष्ट्र में मानवीय सहायता और समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया.’

पुतिन ने की थी पीएम मोदी की सराहना
करीब दो महीने पहले पुतिन ने पीएम मोदी की सराहना की थी. उन्होंने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना करते हुए और पीएम मोदी को सच्चा देशभक्त बताया था. इस संबंध में उन्होंने कहा कि भारत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में बहुत प्रगति की है. राष्ट्रपति पुतिन मॉस्को में वल्दाई डिस्कशन क्लब की 19वीं वार्षिक बैठक के पूर्ण सत्र में बोल रहे थे, जहां उन्होंने भारत की मेक इन इंडिया पहल को महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में वर्णित किया.

अमेरिका को भी लगता है भारत निभा सकता है रोल
कुछ दिन पहले अमेरिका ने भी कहा था कि युद्ध शांति में भारत अहम रोल निभा सकता है क्योंकि रूस और यूक्रेन दोनों भारत की बात सुनते हैं. लेकिन ऐसा हुआ कैसे? रूस जैसा शक्तिशाली देश और अमेरिका जैसी महाशक्ति जो काम नहीं कर पा रही वो भारत कैसे करेगा? इसका जवाब में वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती भागीदारी. यूएन में भारत का मजबूती से अपनी बात रखना और यूरोपीय देशों को ये एहसास दिलाना कि भारत आंख में आंख डालकर बात करेगा. भारत की कूटनीतिक रणनीति में विदेश मंत्री एस जयशंकर की अहम भूमिका है. जिन्होंने हर मौके पर मजबूती से भारत का पक्ष रखा.

ये युद्ध का युग नहीं है…जब पीएम मोदी ने पुतिन से कहा
तीन महीने पहले पीएम मोदी और रूसी प्रेसिडेंट पुतिन की आमने-सामन मुलाकात हुई थी. ये मीटिंग उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO की मीटिंग के दौरान हुई थी. तब पीएम मोदी ने साफ शब्दों में पुतिन से युद्ध समाप्त करने का आह्वन किया था. भारत का इतना मुखर होकर बोलना ये दिखाता है आज के भारत की ताकत. पुतिन ने भी उनकी बात नहीं काटी और सहमति जताई थी. इसके बाद पीएम ने दोबारा इस विवाद का कूटनीतिक हल निकालने की बात कही.

4 अक्टूबर को फिर हुई जेलेंस्की से बातचीत
4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर एक बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि ‘कोई सैन्य हल नहीं’ हो सकता है और भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है. भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह इस बात पर कायम है कि इस मुद्दे का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए. लगातार जिस तरह पीएम मोदी दोनों देशों के नेताओं से बात कर रहे हैं उससे लग रहा है कि शायद भारत दोनों देशों के बीच युद्ध समाप्त कर पाएगा.

यूक्रेन की मानवीय सहायता कर रहा भारत
24 फरवरी से भारत ने यूक्रेन और पड़ोसी देशों को कुल 99.3 टन मानवीय सहायता की 12 खेपें प्रदान की हैं. इसमें दवाइयां, कंबल, टेंट, तिरपाल, चिकित्सा उपकरण शामिल हैं. जेलेंस्की के फोन कॉल की पुष्टि करते हुए पीएमओ ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया. पीएम मोदी ने दुश्मनी को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दृढ़ता से दोहराया और कहा कि दोनों पक्षों को अपने मतभेदों का स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति पर वापस लौटना चाहिए.

भारत ने यूक्रेन को दिया भरोसा
बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री ने किसी भी शांति प्रयास के लिए भारत के समर्थन से भी अवगत कराया और प्रभावित नागरिक आबादी के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को जारी रखने का आश्वासन दिया. पीएमओ के बयान में कहा गया है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति ने जी-20 में भारत की अध्यक्षता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी हैं. इसमें कहा गया है, प्रधानमंत्री ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विकासशील देशों की चिंताओं को आवाज देने सहित भारत की जी-20 अध्यक्षता की मुख्य प्राथमिकताओं के बारे में बताया.

पुतिन की 5वीं बार पीएम से बात
जेलेंस्की-मोदी फोन कॉल के 10 दिन बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोदी से बात की और यूक्रेन और भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर चर्चा की. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से इस साल यह उनकी पांचवीं फोन बातचीत थी. प्रधानमंत्री मोदी इस साल सालाना समिट के लिए रूस नहीं गए थे. समरकंद में पुतिन को मोदी के अब के प्रसिद्ध बयान का कोई जिक्र नहीं था कि यह “युद्ध का युग नहीं” है.

ग्लास्गो में हुई थी आमने-सामने मुलाकात
पीएम मोदी और जेलेंस्की ने फरवरी और मार्च में एक-दूसरे से बात की थी. जो मुख्य रूप से युद्ध क्षेत्र से भारतीयों को निकालने के बारे में थे. 4 अक्टूबर को अपनी आखिरी बातचीत में मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है. नवंबर 2021 में COP-26 के मौके पर दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात ग्लासगो में हुई थी. इस साल नवंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से मुलाकात की थी और यूक्रेन पर रूस के युद्ध को समाप्त करने के तरीकों, परमाणु चिंताओं और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की थी. जयशंकर और कुलेबा ने कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की.

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