नीतीश कुमार के बाद अब मायावती को भी लगता है कि लोकसभा चुनाव समय से पहले हो सकते है. बीएसपी के सीनियर नेताओं की मीटिंग में उन्होंने ये भविष्यवाणी की. बीएसपी सुप्रीमो को लगता है राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही आम चुनाव भी हो सकते हैं. आपको बता दें कि इस साल के आख़िर में एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम में चुनाव होने हैं. मायावती ने बीएसपी ऑफिस में हुई मीटिंग में जल्द लोकसभा चुनाव कराने की आशंका जताई.
उन्होंने कहा कि बीजेपी को लगता है कि राज्यों के चुनाव में नतीजे उनके लिए बेहतर नहीं होंगे. मायावती ने बीएसपी नेताओं को अभी से चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा. उन्होंने ये भी बताया कि वे चाहती है कि पार्टी के उम्मीदवारों का नाम पहले ही तय कर लिया जाए. ऐसे नेताओं को लोकसभा का प्रभारी बनाया जाएगा और वे फ़ील्ड में रह कर चुनाव प्रचार करेंगे. बीएसपी अध्यक्ष ने गठबंधन को लेकर मीटिंग में कुछ भी नहीं कहा.
मायावती ने शुरू की तैयारी
मायावती ने लोकसभा चुनाव तैयारी को लेकर आज लखनऊ में यूपी के नेताओं की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उन्होंने पार्टी के ज़िला अध्यक्षों तक को बुलाया था. इस मीटिंग के ख़त्म होने के बाद उन्होंने पार्टी के कोर्डिनेटर और सीनियर नेताओं के साथ लंबी बैठक की. समय से पहले लोकसभा चुनाव कराये जाने की चर्चा के बीच उन्होंने पार्टी के कार्यक्रम भी समय से पहले कराने का फ़ैसला किया है. उन्होंने मीटिंग में बताया कि अब कैडर कैंप 1 अगस्त से शुरू होगा. पहले तय हुआ था कि ये कैंप 1 सितंबर से शुरू किए जायेंगे.
30 जुलाई तक बन जानी चाहिए बूथ कमेटी
इन कैंप में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को बुलाया जाता है. एक तरह से वही चुनाव का मैनेजमेंट देखते हैं. मायावती ने बूथ कमेटी बनाने की डेडलाइन 30 अगस्त तक की दी थी. अब इसे भी एक महीना पहले कर दिया गया है. मायावती ने अपने नेताओं को ये काम 30 जुलाई तक ख़त्म करने के लिए कहा है. बीएसपी अध्यक्ष ने चुनाव की पूरी रणनीति में इस तरह से बदलाव किया है जैसे चुनाव इस साल के आख़िर तक हो सकते हैं.
यूपी को खुद संभाल रही हैं मायावती
मायावती ने अपने भांजे आकाश आनंद को एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के चुनाव की ज़िम्मेदारी दी है. लेकिन यूपी की सारी प्लानिंग वे खुद देख रही है. बीएसपी के एक बड़े नेता ने बताया कि इस बार मायावती बूथ कार्यकर्ताओं की मीटिंग में भी जा सकती है. इन्हें अलग अलग ज़िलों में आयोजित करने की योजना है. अभी लोकसभा में बीएसपी के दस सांसद हैं. लेकिन पिछली बार बीएसपी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था. इस बार बीएसपी और कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि दोनों पार्टियों में चुनाव को लेकर समझौता हो जाए. लेकिन अब तक बीएसपी चीफ़ मायावती इस मुद्दे पर ख़ामोश हैं