प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली में लगेगा लॉकडाउन? सुप्रीम कोर्ट को आज प्लान सौंपेगी सरकार

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति (Delhi Pollution) पिछले एक-दो दिन में कुछ ठीक हुई है, लेकिन यह अब भी बेहद खराब स्तर पर बरकार है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रविवार को कुछ सुधार देखा गया. हालांकि, अब भी एक्यूआई ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में है. इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उनकी सरकार सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में लॉकडाउन (Lockdown) प्रस्ताव जमा करेगी ताकि प्रदूषण को और कम किया जा सके.

दिल्ली में वायु गुणवत्ता रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी से सुधरकर ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में पहुंच गयी और 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 330 दर्ज किया गया. एक दिन पहले ये 437 पर था. शुक्रवार को एयर क्वालिटी सूचकांक 471 दर्ज किया गया था. यह इस सीजन का अब तक का सबसे खराब स्थिति थी.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के इलाकों गाजियाबाद, गुरुग्राम,नोएडा, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 331, 287, 321, 298 और 310 दर्ज किया गया.

उल्लेखनीय है कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार सोमवार को उच्चतम न्यायालय में लॉकडाउन और उसके तौर-तरीकों पर एक प्रस्ताव पेश करेगी.

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को “आपात हालात” करार दिया था और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन का सुझाव दिया था.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए शनिवार को कई आपात उपायों की घोषणा की, जिनमें एक सप्ताह के लिए स्कूलों और कॉलेजों को बंद करना, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम करना (वर्क फ्रॉम होम) शामिल हैं.

दिल्ली सरकार के अनुसार, सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी एक सप्ताह तक घर से काम करेंगे.दिल्ली में 14 से 17 नवंबर तक निर्माण गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी.

वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिए बनी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) की उप-समिति ने कहा कि प्रदूषक कणों के छंटने के लिए 18 नवंबर तक मौसम की परिस्थिति अनुकूल नहीं है. संबंधित एजेंसियों को निश्चित रूप से ‘‘आपात” श्रेणी के तहत कदमों को लागू करने के लिए तैयार रहना चाहिए.

Related posts

Leave a Comment