नई दिल्ली: भारत में डॉक्टरों की शीर्ष संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने बकरीद पर दी गई कोरोनावायरस प्रतिबंधों में छूट को लेकर केरल सरकार को चेताया है. आईएमए ने कहा है कि अगर यह आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो उन्हें केरल सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. आईएमए ने कहा कि वह केरल सरकार के फैसले से ‘दुखी’ है, जो कि ऐसे समय पर आया है जब राज्य में कोरोना के केसों में इजाफा देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सामूहिक रूप से इकट्ठा होने को लेकर लोगों को चेताया है और कई राज्यों ने धार्मिक यात्राएं रद्द कर दी हैं.
बयान में कहा गया है, ‘जब जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे उत्तर भारत के कई राज्यों ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पारंपरिक धार्मिक यात्राएं रद्द कर दी हैं, तब यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल सरकार ने ऐसा फैसला किया है.’
केरल सरकार ने ऐलान किया था कि बकरीद के मौके पर राज्य में लगे लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट दी जाएगी. बुधवार को होने वाली ईद के लिए रविवार से यह छूट तीन दिन के लिए दी गई है. कपड़ों की दुकान, जूते-चप्पल की दुकान, ज्वैलरी की दुकान, गिफ्ट आइटम की दुकान, घर के सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर और रिपेयरिंग सेंटर को खोलने की मंजूरी दी जाएगी.
इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है और उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा रद्द करने से इसकी तुलना की जा रही है.
बकरीद पर छूट के अलावा, फिल्म की शूटिंग और पूजा स्थलों के लिए रियायत जैसी कुछ गतिविधियों की घोषणा शनिवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिबंध चाहे कितना भी सीमित क्यों न हो, बड़ी आर्थिक और सामाजिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं और इसलिए कोरोना के रोजाना सामने आ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए कुछ रियायतें दी जा रही है.
शनिवार को केरल में 16,148 कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं, इसके साथ ही 114 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, पॉजिटिविटी रेट 10.76 फीसदी है.