संपूर्ण गीता का निचोड़ यही है कि किया हुआ व्यर्थ जाता नहीं और किए बिना कुछ मिलता नहीं. अच्छा करोगे तो अच्छा मिलेगा. यह बात उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लेकर चरितार्थ हो रही है. बीते पांच वर्षों से सरकार इस योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों की शादी करवा रही है. सरकार का यह प्रयास सामाजिक समरसता का प्रतीक तो बना गया है और इस आयोजन के लिए हर जिले में योगी सरकार की सराहना की जा रही है. सरकार को बधाई और शुभकामनाएं मिलीं हैं.
अब इसी क्रम में प्रदेश सरकार गरीब परिवारों की 12 हजार से अधिक बेटियों के हाथ पीले कराने जा रही है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आगामी 10 जून और 17 जून प्रदेश के सभी जिलों में शादी समारोह का आयोजन कर एक साथ गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कराए जाएंगे. सरकार ने प्रत्येक जिले को अपने यहां 150 सामूहिक विवाह कराने का लक्ष्य दिया गया है. 10 जून और 17 जून को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले शादी समारोह में सांसद, विधायक और जिले के प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे और यह सभी लोग वर-वधू को आशीवार्द देंगे.
गौरतलब है कि योगी सरकार गरीब बेटियों की शादी कराने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चला रही है. सर्वधर्म-समभाव व सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2017 से संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम कराए जाते हैं. इस योजना का उद्देश्य विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं फिजूलखर्ची को खत्म करना है, साथ ही गरीब परिवारों की बेटियों की ऐसी शादी कराना जिसका इंतजाम जिले के वीआईपी करें. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार प्रत्येक जोड़े की शादी पर 51 हजार रुपये खर्च करती है. जिसके तहत शादी करने वाले जोड़े के दांपत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना के लिए कन्या के खाते में 35 हजार रुपये दिए जाते हैं. विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि के लिए 10 हजार रुपये खर्च दिया है. इसके अलावा प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर सरकार छह हजार रुपये खर्च करती है.
अब इसी योजना के तहत योगी सरकार ने 12 हजार से अधिक बेटियों की शादी कराने पर सहमति जता दी है. जिसके तहत 10 और 17 जून को प्रदेश के हर जिले में सामूहिक विवाह कराएं जाएंगे. पहले यह शादी समारोह 27 मई और 10 जून को होने थे, लेकिन विधानसभा का सत्र चलने के चलते इनकी तिथि बदलकर अब 10 और 17 जून तय की गई है. 10 और 17 जून को होने वाले शादी समारोह में जिले के विधायक और वीआईपी मौजूद रहेंगे और वर-वधू को आशीर्वाद देंगे. सर्वाधिक शादियां 10 जून को कराई जाएंगी. इसके बाद जो शादियां बच जाएंगी उसे 17 जून को कराया जाएगा. राज्य के समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार के अनुसार सभी जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार अपने-अपने यहां सामूहिक विवाह कराने के निर्देश भेज दिए गए हैं. विवाह के लिए सभी अधिकारी अपने यहां पंजीकरण करेंगे. इस योजना का अधिक से अधिक फायदा जरूरतमंद गरीब परिवारों की बेटियों को दिलाने के लिए कई कदम भी उठाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री भी 10 और 17 जून को होने वाले शादी समारोह में किसी एक जिले में हिस्सा लेकर वर-वधू को आशीर्वाद देंगे. यह लोग किस जिले में जाएंगे, यह अभी तय नहीं हुआ है.