योगी की ‘भीष्म प्रतिज्ञा’, जहां से भरत ने 14 साल चलाया रामराज्य; वहीं से मोदी सरकार की हैट्रिक लगवाएंगे आदित्यनाथ!

लखनऊ: जब से उत्तर प्रदेश की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली है, तब से राज्य का सियासी पारा चढ़ा ही रहता है. पंचायत और निकाय से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक ‘योगी फैक्टर’ सुर्खियों में रहता है. सीएम योगी कई बार कह चुके हैं कि मई-जून में भी वो यूपी में शिमला जैसा माहौल बना देते हैं. उनके इसी अंदाज का सबसे बड़ा आगाज 15 जून को अयोध्या से होगा. ये वो रणनीतिक यज्ञ है, जिसके तहत रामराज्य की परिकल्पना त्रेतायुग से कलियुग की ओर अग्रसर होगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कदम अयोध्या में होंगे. उनके सामने होगा चुनावी अश्वमेध को पूरा करने का लक्ष्य. लेकिन, ये बात हैरान करने वाली है कि योगी अपनी मंजिल की ओर पहला कदम जब बढ़ाएंगे तो वो रामलला के पास नहीं बल्कि भरत कुंड में होंगे. यानी यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद को भरत की तरह छोटे भाई की भूमिका में रखेंगे. वो अपना किरदार वैसे ही निभाएंगे, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके लिए राम हों.

क्या है CM योगी का ‘भरत संकल्प’?
जो यूपी जीतेगा वही दिल्ली पर राज करेगा. इस फॉर्मूले के तहत 2014 से लगातार शीर्ष पर चल रही BJP ने एक बार फिर यूपी के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है. इस प्लान की सबसे पहली कड़ी हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. 80 सीटों वाले यूपी से योगी को लेकर एक खास तरह की चुनावी रणनीति तैयार की गई है. अयोध्या से राममय माहौल तो हमेशा बनता रहा है और 2024 में बड़ी राम लहर यहां से उठेगी, लेकिन सीएम योगी राम नहीं बल्कि भरत की भूमिका में रहकर अपना संकल्प पूरा करेंगे.

सीएम योगी का ‘भरत संकल्प’ वहां से शुरू होता है, जहां 14 साल तक भरत ने अपने बड़े भाई भगवान श्रीराम का इंतजार किया. जिस तरह भरत ने अपने भाई श्रीराम को रामराज्य की स्थापना का वचन दिया था, ठीक उसी तरह सीएम योगी भी मोदी सरकार की हैट्रिक के लिए हुंकार भरेंगे. अयोध्या से 2024 के लिए योगी का चुनावी अश्वमेध शुरू तो होगा, लेकिन उसका केंद्र होगा भरत कुंड.

रणनीतिक रूप से क्यों अहम है ‘भरत कुंड?
अयोध्या में श्रीरामलला के मंदिर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है भरत कुंड. 15 जून को मुख्यमंत्री योगी वहीं से चुनावी मिशन का आगाज करेंगे. मौका तो मोदी सरकार के 9 साल के कामकाज के प्रचार का होगा, लेकिन एक विशाल रैली का आयोजन हो रहा है. इसमें भारी भीड़ जुटाने के लिए अयोध्या के सांसद और विधायकों समेत तमाम नेताओं को लगाया गया है. ‘टिफिन पर चर्चा’ कार्यक्रम के जरिये कार्यकर्ताओं को सफल आयोजन के मंत्र दिए जा रहे हैं.

रैली सीएम योगी की होगी, चर्चा पीएम मोदी की होगी, लेकिन सुर्खियों में रहेगी अयोध्या. BJP ने सोच समझकर अयोध्या के पास भरत कुंड को मुख्यमंत्री योगी का रैली स्थल बनाया है. क्योंकि, 2024 लोकसभा चुनाव के लिए जब राम नाम का तूफान उठेगा, तो उसके लिए हवाओं का रुख अभी से तय किया जा सके. 44 डिग्री तापमान में भरत कुंड नंदीग्राम से सीएम योगी 2024 के लिए शंखनाद करेंगे.

रामराज्य की परिकल्पना का केंद्र है ‘भरत कुंड’
अयोध्या में सरयू घाट से करीब 15 किलोमीटर दूर भरत कुंड नंदीग्राम में रहकर ही श्रीराम के छोटे भाई भरत ने 14 साल तक अयोध्या का शासन चलाया. यही वो जगह है, जहां से रामराज्य की परिकल्पना साकार हुई. यहां भरत जी का मंदिर है, सरोवर है. पौराणिक महत्व ये है कि भरत के त्याग, तपोबल और संकल्प ने इस जगह कोे सांसारिक मोक्ष के लिए आदर्श स्थल बना दिया. इसीलिए यहां पिंडदान का विशेष महत्व है. यहां लोग दूर-दूर से अपनों का पिंडदान करवाने के लिए आते हैं.

श्रीराम के खड़ाऊं सिर पर लेकर वन से जब भरत लौटे तो अपने भाई के सम्मान में अयोध्या का आलीशान महल छोड़ दिया. भरत ये मानते थे कि जब उनके भाई राजा राम वन में रह रहे हैं, तो वो भी आश्रम में रहकर अयोध्या का कामकाज देखेंगे. अयोध्या से 15 किलोमीटर दूर तत्कालीन जंगल में भरत कुंड नंदीग्राम में आश्रम में रहकर वो शासन चलाते थे. जमीन पर ही सोते थे. राजसी ठाठ-बाट से दूर रहते थे. इसीलिए इस जगह को तप, त्याग और संकल्प को पूरा करने वाला स्थल माना जाता है.

क्या होगी ‘भरत कुंड’ से योगी की ‘भीष्म प्रतिज्ञा’?
भरत कुंड से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘भीष्म प्रतिज्ञा’ एक बड़े लक्ष्य के रूप में सामने आएगी. खबर है कि सीएम योगी अयोध्या के पास भरत कुंड नंदीग्राम में मंच से विरोधियों का सूपड़ा साफ करने की अपील कर सकते हैं. यानी यूपी में 2014 वाली मोदी लहर दोहराने की अपील कर सकते हैं. तब BJP ने 80 में से 77 सीटें जीती थीं. इस बार सभी 80 सीटों पर कमल खिलाना ही सीएम योगी का संकल्प होगा.

राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि 2024 के बाद जब भी पार्टी में PM चेहरे की तलाश होगी, तो योगी का सियासी कद यूपी की लोकसभा सीटों से ही तय किया जाएगा. इसलिए खुद मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि 2024 में या तो 2014 जैसी विराट जीत मिल जाए या उससे भी विशाल विजय हासिल हो जाए. ऐसा इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि यूपी में चुनाव कोई भी हो, सुर्खियों में योगी ही रहते हैं और कसौटी पर ‘योगी फैक्टर.

इस लिहाज से 2024 के चुनाव में सीएम योगी अपने ‘भरत संकल्प’ के जरिये PM मोदी की सत्ता की राह आसान बनाने की हरसंभव कोशिश करेंगे. अगर उनकी प्रतिज्ञा पूरी हो गई तो अगली बार राजनीतिक रूप से वो BJP के लिए सिर्फ़ भरत नहीं बल्कि राष्ट्रीय पटल पर राज्याभिषेक वाले राम की भूमिका में हो सकते हैं.

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