दिल्ली: वोट डालने के लिए आपको पोलिंग बूथ पर वोटर आईडी कार्ड और वोटर स्लिप ले जाना जरूरी होता है. लेकिन अगर आपके पास वोटर आईडी नहीं भी है तो भी आप वोट डाल सकते हैं. निर्वाचन आयोग लगातार प्रयास करता है कि ज्यादा से ज्यादा नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. हालांकि बिना वोटर आईडी वोट डालने के लिए जरूरी है कि आपका नाम वोटर के तौर पर वोटिंग लिस्ट में शामिल हो.
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं, तो निर्वाचन अधिकारी के सामने आपको अपनी पहचान साबित करनी होती है, ताकि आपकी पहचान पर कोई सवाल न खड़ा हो और निर्वाचन अधिकारी आपको अपने वोटिंग अधिकार का प्रयोग करने दें.
अपनी पहचान साबित करने के लिए आप अपनी इन फोटो आईडी का प्रयोग कर सकते हैं:
पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्र या राज्य सरकार की किसी नौकरी का सर्विस आइडेंटिटी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक,
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के तहत रेसिस्टेंस जीन आइडेंटिफायर (RGI) का जारी किया हुआ स्मार्टकार्ड, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MNREGA) का कार्ड, फोटोग्राफ लगा हुआ पेंशन डॉक्यूमेंट,
श्रम मंत्रालय का जारी किया हुआ हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड, चुनाव आयोग की जारी की हुई फोटो वोटर स्लिप, इसके अलावा विधायक और सांसद MLA, MP और MLC को जारी किए गए आधिकारिक आइडेंटिटी कार्ड्स का भी इस्तेमाल आईडेंटिटी कार्ड के तौर पर कर सकते हैं.
हालांकि इनके अलावा बिजली का बिल, राशन कार्ड, किराए की पर्ची या घर के कागजात, गाड़ी के कागजों का प्रयोग आइडेंटिटी प्रूफ के तौर पर मान्य नहीं होता.
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से गायब हो?
हर पोलिंग स्टेशन पर एक लिस्ट होती है. अगर आपका नाम इस लिस्ट से गायब होता है तो आप अपने वोट के अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते.
कौन-कौन दे सकता है वोट?
अगर किसी नागरिक को चुनाव आयोग से वोटर स्लिप मिलती है तो यह तय हो जाता है कि उसका नाम वोटर लिस्ट में है. यह पर्ची, किसी भी मान्य वोटर आईडी के साथ मिलकर वोटर कार्ड का काम करती है. अगर किसी नागरिक को वोटर स्लिप नहीं मिलती तो वे ऑनलाइन सर्च कर सकते हैं या फिर हेल्पलाइन के जरिए जान सकते हैं कि उनका नाम रजिस्टर्ड है या नहीं?
अगर किसी नागरिक के पास वोटर आईडी नहीं है तो वह चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित किए गए डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल कर वोट डाल सकता है.