कौन है यह विधायक जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जानिए

दिल्ली: अनुशासनहीनता के आरोप में बीजेपी से निलंबित विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन एक बार फिर सुर्खियों में हैं. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो अपने साथ के लोगों के साथ शराब पीते हुए हाथों में राइफल और पिस्टल लहराते फिल्मी गानों पर झूम रहे हैं. वीडियो में प्रणव चैंपियंन दोनों हाथ में पिस्टल लिए हैं और साथ ही मुंह में भी बंदूक दबाकर फिल्मी गाने पर डांस कर रहे हैं. यही नहीं उनके समर्थक भी वीडियो में दिख रहे हैं.

Posted by Vikram Srivastava on Tuesday, July 9, 2019

कौन हैं कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन उत्तराखंड के खानपुर से विधायक हैं. चैंपियन एन डी तिवारी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत की पिछली राज्य सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. चार बार के विधायक चैंपियन 2016 में बीजेपी में तब शामिल हुए थे, जब करीब 9 कांग्रेस विधायकों ने हरीश रावत सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया था. चैंपियन ने 2009 चुनाव में भी रावत का विरोध किया था. बाद में, विधानसभा के अध्यक्ष ने सभी नौ विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.

विवादों से रहा है पुराना नाता
रंगीन मिजाज विधायक प्रणव चैंपियन अपनी हरकतों से पार्टी के लिए अक्सर मुसीबतें खड़ी करते रहे हैं. हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें चैंपियन एक टीवी मीडिया पत्रकार को धमकाते हुए दिखाई दिए थे. वह सार्वजनिक रूप से झबरेड़ा से बीजेपी विधायक देशराज कर्णवाल का मजाक बनाने के लिए भी चर्चा में थे.

मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक को बताया था ‘प्रवासी पक्षी’
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में चैंपियन हरिद्वार सीट से अपनी पत्नी को टिकट दिलाना चाहते थे. उन्होंने वहां से तब के सांसद और अब मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को ‘प्रवासी पक्षी’ बताया था.

चैंपियन का निलंबन बीजेपी की अनुशासन समिति द्वारा तैयार की गई प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद हुआ था, जिसमें उन्हें घोर अनुशासनहीनता का दोषी पाया गया था.

बीजेपी ने दी ये प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि प्रणव चैंपियन के वीडियो का संज्ञान पार्टी ने लिया है. पहले भी उनकी हरकतों पर पार्टी ने कार्रवाई की थी. पार्टी कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा, पार्टी समय पर कठोर कार्रवाई करेगी, इस तरह की भाषा और एक्ट का समर्थन बीजेपी नहीं करती है. राज्य इकाई इस पर जल्द निर्णय लेगी.

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