श्रीनगर: जम्मू एंड कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने सरकार के अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द करने पर कहा कि ऐसा करने से जम्मू कश्मीर और भारत के बीच संबंध खत्म हो जाएंगे. उन्होंने केंद्र को चुनौती देते हुए कहा कि मैं उन्हें मानूंगा अगर वह 370 और 35ए को छूने की हिम्मत करें.
वह मंगलवार को गांदरबल में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर वे कहते हैं कि यह संवैधानिक प्रावधान अस्थायी है तो विलय भी अस्थायी है और उन्हें इसके लिए तैयार रहना होगा. फारूक ने कहा, ‘अमित शाह और अरुण जेटली ने कहा कि वे अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर देंगे. करें, हम यह भी देखेंगे कि वे यह कैसे कर सकते हैं. हो सकता है हमें इससे आजादी मिल जाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए फारूक ने कहा कि वह देश को चलाने में सक्षम एकमात्र व्यक्ति नहीं थे. वह एक अभिनेता हैं और मैंने अब तक ऐसा अभिनेता कभी नहीं देखा है. अगर पुलवामा नहीं होता तो उनकी (नरेंद्र मोदी) हार पक्की थी. श्रीनगर से प्रत्याशी फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि आज हमको पाकिस्तानी कहा जाता है, अगर हमें पाकिस्तान जाना होता तो हम 1947 में गए होते, मगर हमने भारत को चुना जो सबका भारत था, गांधी का भारत था. मगर आज भारत को बदलने की कोशिश हो रही है. इसलिए हमें होशियार रहना है, राज्य को नहीं बल्कि देश को बचाना है.
डॉ. फारूक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव ने टीवी में अपने संबोधन में कहा था कि जम्मू कश्मीर में अपना सदर-ए-रियासत और प्रधानमंत्री होना चाहिए. हम दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आए और आटोनामी रेसोल्यूशन को पास किया गया, लेकिन उन्होंने उसे डंप कर दिया, लेकिन वो आज भी जिंदा है. बिना आटोनामी के शांति संभव नहीं. अगर स्थायी रूप से जम्मू कश्मीर में शांति बहाल करनी है तो भारत पाकिस्तान के बीच माहौल ठीक होना चाहिए. हम हिंदुस्तानी हैं, लेकिन हम पाकिस्तान के शुभचिंतक हैं और उनकी समृद्धि की कामना करते हैं. यहां तक कि वाजपेयी ने भी मीनार-ए-पाकिस्तान में यही कहा था.