लोकसभा चुनाव 2019 को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार कुछ खास नियमों को जारी किया है. जिसे प्रत्याशियों और आम जनता दोनों को पालन करना होगा. यहां जानिए क्या है खास…
उम्मीद्वारों पर नकेल
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी का अपने आपराधिक रिकॉर्ड का विज्ञापन लोकप्रिय टीवी चैनल और बड़े अखबारों में कम से कम तीन बार देना अनिवार्य होगा. वहीं, बड़े राजनैतिक दलों को भी वेबसाइट और अखबारों में तीन बार उम्मीद्वार पर दर्ज केस के विवरण का विज्ञापन देना होगा.
सोशल मीडिया पर प्रचार का खर्च खाते में जुड़ेगा..
प्रत्याशियों को सोशल मीडिया अकाउंट और उस पर होने वाले प्रचार में खर्च राशि की जानकारी देना होगी. चुनावी खर्च में सोशल मीडिया पर व्यय की जाने वाली राशि को भी जोड़ा जाएगा. प्रत्याशियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में बताना होगा. फेक न्यूज और सोशल मीडिया पर प्रचार पर सख्ती के लिए फैक्ट चेकर बनेगा.
100 मिनट में होगा चुनाव से जुड़ी शिकायतों का समाधान
चुनाव संबंधित शिकायतें सीविजिल एप से लाइव की जा सकेंगी. इसमें शिकायत रजिस्टर्ड हाेने के 100 मिनट के भीतर समाधान किया जाएगा.
प्रत्याशी को परिवार की 5 साल की आय बतानी होगी
प्रत्याशी को अपनी और परिवार की पांच साल की आय और सम्पत्ति का 5 साल का ब्योरा देना पड़ेगा.
पैन कार्ड…. नहीं तो रद्द हो जाएगी उम्मीदवारी
हलफनामा दाखिल करते वक्त उम्मीदवारों को पैन की जानकारी देनी होगी. ऐसा नहीं करने वालों की उम्मीदवारी रद्द हो जाएगी.
ईवीएम पर होगी फोटो
एक जैसे नाम वाले प्रत्याशियों को लेकर होने वाले भ्रम को दूर करने के लिए चुनाव आयोग ने ईवीएम और पोस्टल बैलेट पर सभी उम्मीदवारों की फोटो लगाने का फैसला किया है.
बैंड-बाजे की अनुमति एसडीएम से लेना होगी
शादियों के सीजन में आचार संहिता लागू होने के बाद अब बैंड-बाजे के लिए एसडीएम से परमिशन लेना पड़ेगी. बिना परमिशन के बैंड-बाजा बजाने पर उसे जब्त किया जाएगा. डीजे बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
21वीं सदी में जन्में 1.5 करोड़ पहली बार देंगे वोट
21वीं सदी में जन्म लेने वाले डेढ़ करोड़ ऐसे मतदाता होंगे जो पहली बार मतदान करेंगे. यानि इससे पहले के चुनाव में उनकी आयु 18 साल नहीं थी.
चुनाव के दौरान 70 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर सकेंगे प्रत्याशी
हर प्रत्याशी के चुनाव खर्च की सीमा 70 लाख तय की गई है, जो 2014 में 28 लाख रुपए थी. एक दिन में 10 हजार रुपए से ज्यादा कैश एक से ज्यादा व्यक्ति को नहीं दे पाएंगे. चुनाव के दौरान प्रत्याशी अपने पास 10 हजार रुपए से ज्यादा की नकदी नहीं रख पाएंगे. एक बार में 10 हजार रुपए से अधिक कैश के रूप में खर्च किसी व्यक्ति को नहीं दे पाएंगे. प्रत्याशी को नया बैंक खाता खुलवाना पड़ेगा. इसकी जानकारी जिला निर्वाचन दफ्तर को देना होगी. चैक या नेट बैंकिंग के जरिए ही हर प्रत्याशी पेमेंट कर सकेंगे.
ईवीएम ले जाने वाले वाहनों की ट्रैकिंग के लिए जीपीएस
ईवीएम में उम्मीदवार की फोटो भी होगी. ईवीएम लाने-ले जाने वालों वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है.
8.4 करोड़ मतदाता बढ़े
साल 2014 के मुकाबले इस बार मतदाताओं की संख्या 8.43 करोड़ बढ़कर कुल 90 करोड़ हो गई है.
100 फीसदी वीवीपैट
इस बार सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीने होंगी. इससे वोटर्स को यह पता चल सकेगा कि उनका वोट सही उम्मीद्वार को पड़ा है या नहीं. यही नहीं, इस बार ईवीएम की सुरक्षा भी कई स्तरीय होगी.