रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली ‘आजाद हिंद सरकार’ की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल हुए और पीएम मोदी ने इस दौरान लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया. आज के दिन लाल किले के भीतर सलीमगढ़ की इमारत इतिहास में अलग जगह रखती है. इस इमारत में आज़ाद हिंद फौज के तीन अफसरों कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन मेजर जनरल शाहनवाज़ खान पर ‘लाल किला अभियोग’ नाम से मशहूर मुकदमा चला था.
आपको बता दे की 75 साल पहले 21 अक्टूबर 1943 के दिन सुभाष चंद्र बोस ने आज़ाद भारत की पहली अस्थाई सरकार बनाई थी, उन्हें पीएम मोदी की ये श्रद्धांजलि है. इस मौके पर आजाद हिंद फौज के सिपाही लाती राम और सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम के मद्देनजर लाल किला के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए. आज सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया.
इससे पहले पीएम मोदी ने दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन किया. पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी. उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा ‘यह आप लोगों की सतर्कता का ही नतीजा है कि देश में अशांति फैलाने वाले अपनी कोशिशों में विफल होते हैं. आप लोगों के कारण ही देश में शांति व्याप्त है.’ पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के निर्माण में कई अड़ंगे लगाए गए. देश के वीरों के लिए पहले की सरकारों ने बेरुखी दिखाई. हमारी सरकार ने वीरों को सम्मान दिया. आजादी के बाद भी 70 साल क्यों लग गए इस मेमोरियल को बनाने में. पहले की सरकार चाहती तो बहुत पहले यह काम कर चुकी होती.