कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र, किये कई लोकलुभावन वादे, GDP का 6% शिक्षा क्षेत्र पर खर्च होगा..

दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 के महासंग्राम के लिए घोषणापत्र जारी कर दिया है. इस घोषणापत्र को जन-आवाज का नाम दिया गया है. इस दौरान सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी राहुल के साथ मौजूद थे.

इस मौके पर राहुल ने कहा है पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथ है और हाथ में पांच उंगलिया होती है. इसी के आधार पर हमने पांच बड़े पॉइंट को ध्यान में ज्यादा रखा है. साथ ही राहुल गाँधी ने कहा है कि इस घोषणा पत्र में सभी की मन्न की बात है ना कि किसी एक की बात. जिसमे पहला कदम “न्याय” का कदम जिसके तहत हर गरीब आदमी को 72000 सालाना मिलेंगे. किसानों और गरीबों की जेब में सीधा पैसा जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी करके देश की अर्थव्यवस्था को जाम किया.

दूसरा कदम में रोजगार पर ध्यान दिया गया है. सरकारी विभाग में 22 लाख पद खाली पड़े है जिन्हे मार्च 2020 तक भरकर दे देगी. 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में रोजगार देगी. तीन साल के लिए देश के युवाओं को बिजनस खोलने के लिए किसी से कोई इजाजत नहीं लेनी होगी.

मनरेगा योजना में 100 दिन को बढ़ाकर 150 दिन किया जायेगा.

किसानों के लिए एक बजट होगा जिससे किसानों को पता चल सकेगा कि उन पर कितना बजट खर्च हो रहा है.

शिक्षा और स्वास्थ्य में भी जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जायेगा. गरीब से गरीब व्यक्ति को सबसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसकी भी व्यवस्था की जाएगी.

राष्ट्रीय सुरक्षा पर कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और NSA के आफिस को वैधानिक आधार प्रदान करेगी। ये सब संसद के प्रति जवाबदेह होंगे.

वही इस मौके पर घोषणापत्र बनने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए समिति के संयोजक राजीव गौड़ा ने बताया कि लोगों की आवाज सुनी गई है. कांग्रेस ने घोषणापत्र 2019 का नाम ‘जन आवाज’ दिया है. पूरे देश से विचार जमा किए गए, जनता से बात की गई और उसके बाद उन विचारों को घोषणापत्र का हिस्सा बनाया गया. कुल 1 लाख 60 हजार सुझाव पार्टी को मिले.

घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ने बताया कि इसमें महिलाओं, छोटे कारोबारियों, शिक्षा, स्वास्थ्य, राष्ट्रीय सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है. जब मुंबई की महिलाओं से सबसे बड़े मुद्दे के बारे में पूछा गया तो जवाब मिला-महिला सुरक्षा. मोदी सरकार के राज में करीब पांच करोड़ नौकरियां गईं.

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