मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएचयू के एम्फी थियेटर में जनसभा को संबोधित करते हुए संसदीय क्षेत्र काशी की जनता को 557.40 करोड़ रुपये की सौगात दी है. इनमें 486.21 करोड़ के 10 लोकार्पण और 71.18 करोड़ रुपये के तीन शिलान्यास शामिल हैं. मोदी ने कहा है कि विकास के कार्य बनारस ही नहीं उसके आस पास के गांव से भी जुड़े है. इसमे बिजली, पानी, सड़क जैसे बुनियादी सुविधाओं के इलावा किसानो, बुनकरों, शिल्पकारों को नए अवसरों से जोड़ने वाले प्रोजेक्ट भी शामिल है. इतना ही नहीं बनारस हिंदू विश्व विद्यालय को इक्कीसवी सदी का “महत्वपूर्ण नॉलेज सेंटर” बनाने के लिए भी कई प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. इन परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री ने बनारस के लोगो को बधाई और शुभकामनाये दी है.
मोदी का कहना है की “चार साल पहले की काशी और आज की काशी में अंतर स्पष्ट दिखाई देता है. काशी को तो भोले के भरोसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया था. आज मुझे बहुत संतोष है कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से हम वाराणसी को विकास की नयी दिशा देने में सफल हुए है”. बिज़ली के तारों के जाल की तरह ही यह शहर अपनी अव्यवस्थाओं में उलझा रहता था. आज काशी में हर दिशा में परिवर्तन हो रहा है.
नरेंद्र मोदी ने का कहना है कि वाराणसी शहर के भीतर और उसको जोड़ने वाली सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है. स्मार्ट बनारस में स्मार्ट परिवर्तन हो इसके लिए ट्रांसपोर्ट के सभी तरीके को आधुनिक बनाने का काम हो रहा है. ट्राफिक व्यवस्था को आधुनिक बनाया जा रहा है ताकि किसी एक परिवहन व्यवस्था पर बोझ न पड़े.. पर्यावरण के दिशा में CNG से गाड़िया चलाने के दिशा में भी काम किया जा रहा है. साथ ही मोदी का कहना है कि बनारस के घाट गंदगी से नहीं रोशनी से अतिथियों का सत्कार करते है. पर्यटन से परिवर्तन का यह अभियान निरंतर जारी है.