आज भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान क्रांति यात्रा दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच चुका है. दिल्ली पुलिस किसानों को बॉर्डर पर रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े. आज किसान और जवान दोनों आमने सामने नज़र आया है. उत्तर-प्रदेश से लगने वाली सीमा पर स्थित पुलिस चौकियों में धारा 144 लागू होने के कारण पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने, किसी तरह की सार्वजनिक बैठक आयोजित करने पर रोक लगा दी गयी है.
आपको बता दे कि किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिल रहा है. इससे पहले किसानों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी बात की थी. सरकार ने मदद का अश्वासन दिया था. लेकिन किसानों का दावा है कि बातचीत फेल रही. किसानों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में आरएएफ, पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. दंगा नियंत्रण वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की भी तैनाती की गई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है की दिल्ली तो सब की है तो किसानो को दिल्ली मी आने से क्यों रोका जा रहा है. केजरीवाल ने कहा कि व किसानों की मांगों और आंदोलन का समर्थन करते हैं. किसानों को दिल्ली में आने की इजाजत दी जानी चाहिए.
क्या हैं किसानों की मांगे?
स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की आय तय हो
किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए
किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के लोन मिले
देश में किसानों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए
14 दिन में गन्ने का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
एनसीआर में दस साल पुराने ट्रैक्टर पर प्रतिबंध के आदेश को वापस कराया जाए
कामर्शियल इस्तेमाल में आने वाली चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपये किलो तय किया जाए
वही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि “मोदीजी,सेकड़ो किलोमीटर की पदयात्रा कर हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर आपके द्वार आए। अगर महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात किया होता तो किसानों को बर्बरतापूर्वक लाठियां नही उनकी मांगों की सौगात दी होती। समय दूर नहीं जब पुरा देश ‘किसान विरोधी-नरेंद्र मोदी’ के नारों से गुंजेगा”