दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की कोशिश को कामयाबी मिली है. बुधवार तड़के 3.45 पर दो महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया. मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी महिला ने मंदिर में प्रवेश किया हो. दोनों महिलाओं के प्रवेश के बाद सबरीमाला मंदिर बंद कर दिया गया है. महिलाओं के दर्शन करने के बाद मंदिर के आसपास तनाव की स्थिती बनी हुई है. सबरीमाला मंदिर को 2 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि सादी वर्दी में आईं दोनों महिलाओं के साथ पुलिस भी थी. इन्होंने आधी रात में ही पहाड़ी की चढ़ाई की. सुबह पौने चार बजे इन दोनों महिलाओं ने मंदिर की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की, दर्शन किए और चुपचाप सबरीमाला से निकल गईं.
वही केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने महिलाओं के दर्शन पर संतोष जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हुआ. उन्होंने कहा कि इस बार पहले की तरह विरोध और प्रदर्शन भी नहीं हुआ. उल्लेखनीय है कि सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में प्राइवेट मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं है. मंदिर प्राइवेट संपत्ति नहीं बल्कि सावर्जनिक संपत्ति होते हैं, जहां कोई भी जा सकता है. कोर्ट ने यहां तक कहा कि जब भगवान ने पुरुष और महिला में कोई भेद नहीं किया, उसी ने दोनों को बनाया है तो फिर धरती पर भेदभाव क्यों किया जाता है.
खबरों के मुताबिक बिन्दू और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए. ये महिलाएं उसी आयु वर्ग की हैं, जिस पर अब तक प्रतिबंध लगा हुआ था. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने 10-50 आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने पर लगी रोक को हटा दिया है, लेकिन इसके बावजूद कुछ संगठनों द्वारा न्यायालय के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है.