पतंजलि आयुर्वेद भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई है. कोर्ट आज तय करेगा कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का आरोप तय किया जाए या नहीं. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. शीर्ष अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस मामले में पिछली बार 23 अप्रैल को सुनवाई की गई थी.
पिछली सुनवाई में भ्रामक विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद ने कहा कि उसने 67 अखबारों में माफीनामा प्रकाशित किया है, जिसमें कहा गया है कि वह अदालत का पूरा सम्मान करता है और उनकी गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या पतंजलि द्वारा अखबारों में दी गई माफी का आकार उसके उत्पादों के लिए पूरे पेज के विज्ञापनों के समान था. विज्ञापन में पतंजलि ने माफी मांगी. पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि विज्ञापन की कीमत 10 लाख रुपए है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछे थे ये सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने दवाओं के विज्ञापन की सुनवाई का दायरा बढ़ा दिया. अदालत ने कहा कि मामला सिर्फ एक संस्था (पतंजलि) तक सीमित नहीं रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि भ्रामक विज्ञापन के जरिए उत्पाद बेचकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाली बाकी कंपनियों के खिलाफ उसने क्या कार्रवाई की? इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से पूछा कि एलोपैथी डॉक्टर खास ब्रांड की महंगी दवाइयां अपने पर्चे में क्यों लिखते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन से पूछा कि क्या जानबूझकर महंगी दवा लिखने वाले डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का क्या नियम है?
बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्रालयों और अधिकारियों को झूठे अभियानों में शामिल फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की पीठ ने केंद्र से एक हलफनामा दाखिल कर उन कंपनियों के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा जो 2018 से भ्रामक स्वास्थ्य उपचार विज्ञापन जारी कर रही हैं.
दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट पर बैन
इस बीच उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सोमवार को 14 पतंजलि प्रोडक्ट्स के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिए. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में लाइसेंसिंग संस्था ने कहा कि उसने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. बैन लगाए गए उत्पादों में दिव्य फार्मेसी की दृष्टि आई ड्रॉप, स्वासारि गोल्ड, स्वासारि वटी, ब्रोंकोम, स्वासारि प्रवाही, स्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट और आईग्रिट गोल्ड शामिल हैं.