कोलकाता: रविवार को पश्चिम बंगाल के शारदा चिटफंड घोटाले मामले में सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच तनातनी हो गई. कमिश्नर राजीव कुमार के घर पर पहुंची सीबीआई को कोलकाता पुलिस की टीम ने पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर में घुसने से रोक दिया. पुलिस ने सीबीआई के अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. दरअसल सीबीआई शारदा चिटफंड मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की पूछताछ के लिए तलाश कर रही है.
वही इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के प्रति अपना समर्थन जताया और भाजपा नेतृत्व पर बदले की भावना वाली राजनीति करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ‘‘भगवा पार्टी पुलिस और अन्य संस्थानों को नियंत्रण में लेने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है’
बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा नेतृत्व का शीर्ष स्तर राजनीतिक बदले की ओछी भावना से काम कर रहा है. न सिर्फ राजनीतिक दल उनके निशाने पर हैं बल्कि पुलिस को नियंत्रण में लेने और संस्थानों को बर्बाद करने के लिए वे सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं”
क्या है चिट फंड घोटाला
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दिया था जांच का आदेश: साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, उडि़सा और असम राज्य के पुलिस को आदेश दिया था कि वे सीबीआई के साथ जांच में सहयोग करें और इस घोटाले की सभी जानकारी सीबीआई को दें. इस घोटाले को लेकर चुनाव में पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमाई हुई है.
2013 में सामने आया था घोटाला: कथित तौर पर तीन हजार करोड का ये घोटाला अप्रैल 2013 में सामने आया था. आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया. घोटाले के खुलासे के बाद जब एजेंटों से निवेशकों ने पैसे मांगने शुरू किये तो कई एजेंटों ने जान तक दे दी थी. इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे.
शारदा समूह द्वारा 10 लाख से अधिक निवेशकों को ठगने का अनुमान है. इस घोटाले से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना है. अप्रैल में बालासोर और ओडिशा में सैकड़ों निवेशकों ने समूह पर आरोप लगाया था कि उच्च लाभ का वादा कर उनसे पैसा लिया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया. इसके बाद ओडिशा में इस मामले की जांच शुरू हुई थी.
शारदा समूह की पूर्व कर्मचारी ने शारदा के प्रमोटर सुदीप्त के खिलाफ वेतन भुगतान नहीं करने का मामला दायर किया था. इसी मामले में सुदीप्त बाद में गिरफ्तार हुए. सुदीप्त और उसके कई सहयोगी अब जेल में बंद हैं. इसी घोटाले में संलिप्तता के कारण तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.