हरियाणा में कथित तौर पर 500 करोड़ से अधिक का बिजली निगम में घोटाला सामने आया है. आरटीआई कार्यकर्ता वरूण श्योकंद ने घोटाले का आरोप लगाते हुए खट्टर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. बुधवार को वरूण श्योकंद ने एक प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाते हुए कहा है बिजली मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास होने के बाद भी बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में बिजली विभाग में इतना बड़ा घोटाला होता हुआ है.
साथ ही उन्होंने कहा है कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 7 जिलों में से 5 जिलों में लगाई गई बिजली के तार गुणवत्ता के मापदंड पर मे फेल हो गई थी. यह केबल मेरा गांव-जगमग गांव, आईपीडीएस, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम योजना के अंतर्गत लगाई गई थी. अभी तक फरीदाबाद , गुड़गांव की तारों का निरीक्षण नहीं हुआ है क्योंकि यहां के कुछ अफसरों की पहुंच ऊपर तक मानी जाती है और वह लोग निरीक्षण नहीं होने दे रहे है. यदि इनकी जांच की जाए तो यह घोटाला 500 करोड़ रुपए से कहीं अधिक का हो सकता है.
वरूण श्योकंद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए और भी कहा है कि ” केबल जांच की गुणवत्ता में फेल पाए जाने के कारण ठेकेदारों पर रिकवरी लगा दी गई है. सबसे बड़ी बात जो देखने में आई है विभाग उन अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा जिन्होंने यह केबल चेक करके पास की थी. विभाग ने अपना अड़ियल रवैया अभी वही अपनाया हुआ है , जो मीटर पिलर बॉक्स में अपनाया था, मैंने इस बारे शिकायत करीबन 9 महीने पहले ही डायरेक्टर स्टेट विजिलेंस को दे दी थी और जो विभाग के पास भी आ गई थी और विभाग ने उसे नजरअंदाज किया और नतीजतन घोटाला सबके सामने हैं. अब यह केबल विभाग के गले की हड्डी बन गई है , ना तो लगी केबल उतारी जा सकती है और ना ही बदली जा सकती है। ऊर्जा विभाग में हजारों करोड़ की केबल खरीदी उसका क्या यह सब कमीशन के चक्कर में किया गया है , यही मामला उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम का भी है पर वहां अभी तक केबल चेक नहीं करवाई गई , इन्हीं कंपनियों ने वहां भी केबल सप्लाई की है. ना ही इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जा रहा है, इसका मतलब साफ़ है कि अभी भी इन्हीं कंपनियों से केबल की खरीद-फरोख्त जारी है.”
इतना ही नहीं वरूण श्योकंद ने सरकार को चेताया है कि अगर 1 सप्ताह के अंदर इन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया तो हम राज्य स्तर पर इस घोटाले के खिलाफ मुहिम चलाएंगे. इस दौरान पदमभूषण सम्मानित डा. ब्रह्मदत्त और बाबा रामकेवल भी मौजूद रहे.