दाहोद: गुजरात के दाहोद में आज सुबह नगर पालिका की टीम ने अवैध रूप से निर्मित मस्जिद, दरगाह और मंदिरों पर बुल्डोजर चला दिया है. इस शहर का प्रतिष्ठित नगीना मस्जिद भी शामिल है. इस कार्रवाई से पहले नगर पालिका की टीम ने इन सभी को नोटिस जारी कर अतिक्रमित भूमि के दस्तावेज दिखाने को कहा था. यह कार्रवाई शहर में सड़कों के चौड़ीकरण के लिए चल रहे अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के तहत हुई है.
इसमें एक मस्जिद, दो दरगाह और दो मंदिरों के अलावा करीब 800 से अधिक अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार के निर्देश पर दाहोद नगर पालिका ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में बड़े स्तर पर काम शुरू किया है. इसमें सबसे पहले शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए सड़कों का चौड़ीकरण, चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण का काम हो रहा है. चूंकि लंबे समय से यहां अतिक्रमण रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी. ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क घर कर दुकान मकान बना लिए थे.
नगीना मस्जिद पर चला बुल्डोजर
यहां तक कि दो स्थानों पर बीच सड़क पर दरगाह बना दिए गए थे. इसी प्रकार प्रसिद्ध नगीन मस्जिद से लगते सड़क के बड़े हिस्से को घेर कर निर्माण कर लिया गया था. कार्रवाई शुरू करने से पहले नगर पालिका की टीम ने अतिक्रमण करने वाले इन सभी लोगों को नोटिस जारी किया था. इसमें उन सभी से अतिक्रमित भूमि के दस्तावेज दिखाने को कहा गया था. लेकिन तय समय के अंदर इनमें से कोई भी व्यक्ति दस्तावेज नहीं दिखा सका.
ऐसे में नगर पालिका की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी. नगर पालिका के अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई बीते एक सप्ताह से जारी है. इसी क्रम में आज सुबह प्रसिद्ध नगीना मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा सुबह साढ़े चार बजे गिरा दिया गया. चूंकि मंदिर मस्जिद और दरगाह का मामला था, इसलिए बवाल होने की भी आशंका थी. ऐसे में नगर पालिका की टीम ने दिन निकलने से पहले कार्रवाई पूरी कर लेने की रणनीति बनाई.
भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात
वहीं इस दौरान किसी तरह के प्रतिरोध को रोकने के लिए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई. अधिकारियों के मुताबिक विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए इस कार्रवाई के दौरान मौके पर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई थी. बता दें कि अवैध निर्माण को लेकर मस्जिद को नोटिस जारी होने के बाद विध्वंस रोकने के लिए एक पक्ष गुजरात उच्च न्यायालय भी पहुंचा था, लेकिन मस्जिद का ट्रस्ट वहां भी अतिक्रमित भूमि का दस्तावेज नहीं दिखा पाया.
इस कार्रवाई से पहले किसी तरह के बवाल को रोकने के लिए पुलिस ने भी अपने स्तर पर काफी कसरत की थी. एक दिन पहले जहां शहर में 450 पुलिस कर्मियों ने फ्लैगमार्च किया, वहीं कार्रवाई के दौरान इन मंदिरों, मस्जिदों और दरगाहों के आसपास पुलिस का त्रिस्तरीय घेरा बनाया गया था. वहीं कार्रवाई पूरी होने के बाद एक बार फिर से पुलिसकर्मियों को शहर में चप्पे चप्पे पर तैनात किया गया है.