नई दिल्ली: गुरुवार को देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी लोकसभा में मुस्लिम समाज से जुड़ी तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक पर एक बार फिर चर्चा हो सकती है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है. वहीं कांग्रेस ने भी अपने सांसदों की बैठक बुलाई है.आपको बता दे कि सरकार और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर पिछले सप्ताह सदन में चर्चा के लिए सहमति बनी थी. बीजेपी और कांग्रेस ने लोकसभा के अपने सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए कहा है.
पिछले सप्ताह सदन में इस पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी. दरअसल लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए. इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी बाधा के चर्चा होने दी जाएगी. इस पर खड़गे ने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस विधेयक पर 27 दिसंबर को चर्चा कराइए. हम सभी इसमें हिस्सा लेंगे. हमारी पार्टी और अन्य पार्टियां भी चर्चा के लिए तैयार हैं.’’
विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और उनके पतियों द्वारा एक बार में ‘तलाक-तलाक-तलाक’ बोलकर तलाक देने पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने तीन महत्वपूर्ण संशोधन के साथ दूसरी बार ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018’ लाई है. सरकार इस विधेयक को पिछले हफ्ते पास कराना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा राफेल सौदे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच समेत अन्य मांगों को लेकर हुए हंगामे के चलते बिल पर चर्चा नहीं हो सकी थी.