दिल्ली एनसीआर के इलाकों में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से वायु गुणवत्ता अति खराब बनी हुई है, आपको बता दे कि दिल्ली एनसीआर में निर्माण कार्य और ट्रको के एंट्री पर बारह नवंबर तक रोक बढ़ा दिया गया है. प्रदूषण से बिगड़ते हालात में आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, बुराड़ी और द्वारका शामिल हैं. जिसके चलते राजधानी के लोगों को घरो से निकलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुबह सुबह स्कूल के बच्चे प्रदूषण के घेरे को पार करते हुए नज़र आ रहे है. जिसका खामियाज़ा आगे चलकर बच्चो की सेहत पर खतरनाक साबित हो सकता है. खबरों के मुताबिक दिल्ली में शनिवार की सुबह दृश्यता 700 मीटर तक घट गई और शहर में धुंध के अलावा कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर ‘अति खराब’ बना रहा. दिवाली के बाद से दिल्ली और एनसीआर की हवा में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ा है. इसके साथ ही बेंजीन और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का स्तर भी बढ़ गया है. दिवाली के दो दिन बीत जाने के बाद भी प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आई है.
वहीं प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका के बीच आज केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स की अहम बैठक होनी है जिसमें पूरे दिल्ली-एनसीआर में डीजल वाले निजी वाहनों पर रोक लगाने का फैसला हो सकता है. बताया जा रहा है कि बहुत ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में अक्सर जाम में फंसे रहने वाली चुनिंदा सड़कों पर सभी तरह के प्राइवेट वाहनों पर बैन लगाने का निर्णय भी लिया जा सकता है. इनमें डीजल, पेट्रोल और सीएनजी से संचालित वाहन भी शामिल होंगे. मोटरसाइकलों को भी इसके दायरे में लाए जाने की संभावना है.