दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हालांकि अभी तक किसी नुकसान की खबर नहीं है. लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया. सुबह-सुबह लोग भूकंप के झटके लगने के बाद घरों से बाहर निकल आए. सुबह करीब 7:59 बजे, दिल्ली एनसीआर और मेरठ के खरखौदा में यह भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसका केंद्र बागपत में था. 4.0 तीव्रता के साथ आए भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया.
इससे पहले हिमाचल के मनाली, चंबा, कांगड़ा और लाहौल में सोमवार तड़के 4.23 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर में जमीन से 10 किमी नीचे था. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.2 रही. उधर, झटकों के बाद दोपहर को लाहौल के चोखंग के ग्वाड़ी गांव में सामने की पहाड़ी से हिमखंड गिर गया. इससे वर्ष 2018 में बना पैदल पुल दब गया. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह के अनुसार भूकंप के झटकों का ज्यादा असर जम्मू कश्मीर से सटे हिमाचल के सीमांत इलाकों में रहा.
क्यों यहां बार-बार आते हैं भूकंप
देश के 12 प्रतिशत इलाके भूकंप की दृष्टि से अत्यंत गंभीर आशंका वाले श्रेणी 5 में आते हैं जबकि 18 प्रतिशत क्षेत्र गंभीर आशंका वाले श्रेणी 4 में हैं. उन्हीं में से एक है देश की राजधानी दिल्ली जो भूकंपीय क्षेत्रों के जोन 4 में स्थित है. जोन-4 में होने की वजह से दिल्ली भूकंप का एक भी भारी झटका बर्दाश्त नहीं कर सकती.
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. दिल्ली हिमालय के निकट है जो भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना था. धरती के भीतर की इन प्लेटों में होने वाली हलचल की वजह से दिल्ली कानपुर और लखनऊ जैसे इलाकों में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा है.