आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस दिल्ली में आम आदमी पार्टी से हाथ मिलाएगी या नहीं? गठबंधन के इस सवाल का अंतिम जवाब आज कांग्रेस की तरफ से आ सकता है. दोनो को पता है की ठगबंधन नही हुआ तो सातों सीट पर हार पक्की है. 2014 में दोनो एक दूसरे के विरुध थे. अरविन्द केजरीवाल, शीला दीक्षित की को हरा कर ही मुख्यमंत्री पद की सीडी चढ़े थे, खबरों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव और दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि राहुल गांधी शाम को फैसला कर सकते हैं कि बीजेपी को दिल्ली में रोकने के लिए आप’ से गठबंधन होगा या नहीं. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मैं राहुल गांधी से सोमवार शाम को मिल रहा हूं. शाम तक यह जानकारी मिल जाएगी कि हम अकेले लड़ेंगे या ‘आप’ के साथ’
वही जानकारी के मुताबिक ने शनिवार को चाको गठबंधन के फायदे और नुकसान पर चर्चा के लिए राहुल गांधी से मिले थे. खबरें थीं कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की सोमवार सुबह इसी को लेकर बैठक होगी. चाको ने कहा कि टॉप लीडरशिप की बैठक में केवल घोषणापत्र पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा, ‘CWC इन पर मुद्दों पर फैसला नहीं लेती है. गठबंधन पर फैसला सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष को लेना है’ दिलचस्प यह है कि अरविंद केजरीवाल कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि वह गठबंधन करना चाहते हैं , लेकिन कांग्रेस ने इनकार कर दिया है. दोनों ही दलों के कुछ वरिष्ठ नेता पर्दे के पीछे अभी भी बातचीत में जुटे हैं.