कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा विदेश से लौट चुकी हैं और वह जल्द ही पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालेंगी. प्रियंका ने कल विदेश से लौटते ही भाई राहुल गांधी से उनके तुगलक रोड स्थित आवास पर मुलाकात की. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सिर्फ यूपी ही नहीं प्रियंका गांधी को आगे राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी भी दी जाएगी. उन्होंने कहा, ”महासचिव होने के नाते राष्ट्रीय जिम्मेदारी की होती है. मैं जिम्मेदारी देता हूं और जो जिम्मेदारी देता हूं उसमें सफलता के बाद दूसरी जिम्मेदारी देता हूं.”
राहुल ने अंग्रेजी अखबार को दिये इंटरव्यू में दावा किया कि विपक्षी दलों के गठबंधन में कोई फूट नहीं है, फूट तो बीजेपी में है. उन्होंने कहा, ”विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं, फूट बीजेपी में है, जहां वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री मोदी से कम महत्व मिलने पर नाखुश हैं.” राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी अपनी ही पार्टी में लोकप्रिय नहीं है. उन्होंने कहा, ”अगर मैं आज नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह समेत तमाम बीजेपी के नेताओं से बात करता हूं तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि वे लोग नरेंद्र मोदी के कामकाज के तरीकों से संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए तकरार तो बीजेपी में है.”
अयोध्या में राम मंदिर की मांग और उसके विरोध के पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए यह ठीक नहीं होगा कि मैं इसपर टिप्पणी करूं. मैं इतना कहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे कांग्रेस स्वीकार करेगी.” राहुल गांधी ने कहा, “हम सरकार में रहे, हम विपक्ष में भी रहे. हमारा मानना है कि संस्थाओं को नहीं छूना चाहिए या भारत के संघीय ढांचे पर हमला नहीं करना चाहिए.” राहुल गांधी ने कहा कि रोजगार, किसान और संस्थानों पर हो रहे हमलों के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट है.
उन्होंने संस्थानों पर हो रहे हमलों को लेकर कहा, ”देश में लोकतांत्रिक संस्थाएं मोदी के तानाशाही रवैये के कारण खतरे में हैं. मोदी को लगता है कि वे देश के भगवान हैं, जैसा अंग्रेज सोचते थे. हम मानते हैं कि आप देश के संघीय ढांचे के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते. आपको इन संस्थाओं की रक्षा करनी होगी क्योंकि ये संस्थाएं ही देश की आत्मा हैं.” राहुल ने अपने इंटरव्यू में राफेल, रोजगार, किसान, छोटे कारोबारियों को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.