पंचकुला: शुक्रवार को सिरसा के एक पत्रकार की हत्या के मामले में पंचकूला अदालत ने फैसला सुनाते हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम दोषी करार दिया है. राम रहीम के साथ तीन और आरोपी दोषी करार दिए गए हैं. वही इस मामले में सजा का ऐलान 17 जनवरी को होगा. रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई. इस फैसले के मद्देनजर डेरा सच्चा सौदा, सुनारिया जेल और विशेष अदालत के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इससे पहले सरकार ने हरियाणा में, विशेषकर पंचकूला, सिरसा (डेरा मुख्यालय) और रोहतक जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यहां कानून व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की कई कंपनियों, दंगा विरोधी पुलिस और कमांडो बल को तैनात किया जा रहा है. पंचकूला पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं जिसके तहत पंचकूला में धारा-144 लगाई गई है.
क्या है पूरा मामला? पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड 16 साल पुराना है. दरअसल, 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वो लगातार अपने समाचार पत्र में डेरे में होने वाले अनर्थ से जुड़ी ख़बरों को छाप रहे थे. पत्रकार के परिवार ने इस संबंध में मामला दर्ज कराया था. उनकी याचिका पर अदालत ने इस हत्याकांड की जांच नवंबर 2003 को सीबीआई के हवाले कर दी थी. 2007 में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था.