दिल्ली : धोखाधड़ी का शिकार पंजाब नेशनल बैंक (PNB) सुधार एजेंडा लागू करने के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे आगे रहा है. उसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का स्थान रहा. वित्त मंत्री अरुण जेटली की मानें तो सरकार बैंकों का प्रदर्शन सुधारने के लिए सरकारी बैंकों के मर्जर के प्रस्ताव को आगे बढ़ाएगी. इससे देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या में कमी आएगी और प्रदर्शन भी सुधरेगा.
अगला नंबर पीएनबी का
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जनवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने विजया बैंक और देना बैंक के BoB में मर्जर को मंजूरी दी थी. खबरों की मानें तो अगला मर्जर पंजाब नेशनल बैंक के साथ हो सकता है. दावा है कि पीएनबी में ओबीसी, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक का मर्जर हो सकता है. हालांकि, इसमें भी 3 बैंकों के मर्जर की ही संभावना है.
बैंकों को मजबूत बनाने की कोशिश
बैंकों को एनपीए से निपटने और मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए सरकारी बैंकों का मर्जर जरूरी है. सरकार के अलावा कई ब्रोकरेज फर्म भी बैंकों के कंसॉलिडेशन पर जोर दे चुकी हैं. पहले एसबीआई के साथ छह बैंकों का विलय हुआ और अब बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दी गई. इससे साफ है कि सरकार निजी बैंकों के बढ़ते कारोबार के साथ सार्वजनिक बैंकों को मजबूती देना चाहती है.