भारत में जहरीली होती हवा को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में पता चला है कि हवा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से भारत में वर्ष 2016 में 1,10,00 बच्चों की मौत हो गई. हालांकि सरकार भी प्रदूषण को रोकने के लिए काफी कदम उठा रही है, जो कि नाकाम साबित हो रहे हैं. यही नहीं पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में भारत ने पूरी दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल, इन बच्चों की मौत की वजह पीएम 2.5 है जो वायु प्रदूषण के कारण तेजी से बढ़ रहा है.
खबरों के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि खाना पकाने से घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण और घर के बाहर के वायु प्रदर्शन से दूनिया भर में भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में बच्चों के स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचा है.
वही दिल्ली की बात करे तो दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पिछले 24 घंटों में भारी मात्रा में पराली जलाए जाने से राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता गिरकर खतरे के स्तर पर पहुंच गई है। अधिकारियों ने बताया कि 10 इलाकों में प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर दर्ज किया गया है. जानकारों की माने तो दिल्ली में आज और कल प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि प्रशासन की रोक और चेतावनी के बावजूद हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की वजह से दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ा है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों पर बैन लगा दिया. अभी तो खतरा और बढ़ेगा जब दिवाली पर पटाखों के चलने के बाद प्रदुषण और गंभीर अवस्था में जाएगा.