भाजपा सवर्ण मतों को अपनी झोली की चीज मानती है: लालकृष्ण आडवाणी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के तल्ख़ तेवर किसी से छुपे नहीं है है. उनका और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ट्विटर पर काफी घमाशान चला आ रहा है. एससी-एसटी संशोधन कानून के खिलाफ सवर्ण द्वारा 6 सितम्बर को किये गए भारत बंद को लेकर भी उन्होंने ट्वीट किया है “अजमल कसाब जैसे आतंकवादी को भी न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए सजा दी गई. जबकि 78% समाज को केवल एक शिकायत पर 6 महीने की सज़ा. क्या समाज का ये वर्ग कसाब से भी खतरनाक हैं?”

इतना ही नहीं लाल कृष्ण आडवाणी ने बीजेपी को कड़े शब्दों में लताड़ते हुए कहा है कि ” भाजपा सवर्ण मतों को अपनी झोली की चीज मानती है और यह मानना ग़लतफहमी भी नहीं है. सवर्णों की विकल्पहीनता ने उन्हें हास्यास्पद बना डाला है. ज़ाहिर है, इसके जिम्मेवार भी ये स्वयं ही हैं “.

साथ ही बीजेपी को नसीहत भी दी है और कहा है कि “देश को बांधकर रखना हमारी जिम्मेदारी है न कि बांटकर ..”

आपको बता दे की राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद एससी-एसटी संशोधन कानून प्रभावी हो गया है. जिसके बाद अब एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में धारा 18 ए जोड़ी गई है जिसमे कहा गया गया है कि शिकायत मिलने के बाद अब किसी भी डीएसपी की प्रारंभिक जांच जरूरत नहीं होगी और सीधी गिरफ्तारी हो सकती है. साथ ही इस कानून के तहत अपराध करने वाले आरोपी को अग्रिम जमानत के प्रावधान भी नहीं है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बीते 20 मार्च को अपने फैसले में  एससी-एसटी कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए कहा था कि एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में शिकायत मिलने के तुरंत बाद मामला दर्ज नहीं होगा डीएसपी पहले शिकायत की प्रारंभिक जांच करके पता लगाएगा कि मामला झूठा या रंजिश के तहत दायर किया गया है.

बहरहाल एससी-एसटी संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब देने को कहा गया है . सुप्रीम कोर्ट ने क़ानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से सुनवाई के बिना रोक लगाना ठीक नहीं है.

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