जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. मंगलवार तड़के 3.30 बजे मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकी गुटों पर कार्रवाई की। 12 मिराज विमानों ने 1000 किलो बम बरसाए. इसमें कई आतंकी कैंप तबाह हुए हैं.
मिराज 2000 लड़ाकू विमान 29 जून, 1985 में भारतीय वायुसेना की नंबर- 7 स्क्वाड्रन में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था. करगिल युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाला मिराज लड़ाकू विमान अब और ज्यादा ताकतवर और घातक बन चुका है. इसकी पहली उड़ान 10 मार्च, 1978 को हुई थी. यह लड़ाकू विमान फ्रांसिसी एयरफोर्स के साथ भारतीय वायुसेना, युनाइटेड अरब अमीरात एयरफोर्स और चीनी रिपब्लिक वायुसेना के बेड़े में शामिल है.
डसॉल्ट मिराज 2000 हवा से सतह पर मिसाइल और हथियार से हमला करने के साथ-साथ लेजर गाइडेड बम (LGB) दागने में भी सक्षम है. मिराज 2000 में उन्नत एवियोनिक्स, आरडीवाई रडार और नए सेंसर और कंट्रोल सिस्टम का उपयोग करके नए कई निशानों को एक साथ साधना, हवा से जमीन और हवा से हवा में भी मार करने में माहिर है. यह पारंपरिक और लेजर गाइडेड बम को भी गिराने में सक्षम है.
विमान की लंबाई 47 फीट और इसका खाली वजन 7500 किलो है. इस विमान का गोला बारूद के साथ वजन 13800 किलो है. मिराज 2000 फाइटर का स्पीड 2336 किमी प्रतिघंटा है. यह 125 राउंड गोलियां प्रति मिनट दागता है और 68 मिमी के 18 रॉकेट प्रति मिनट दागता है.