आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने यह जानकारी दी. संयुक्त राष्ट्र संघ की महत्वपूर्ण 1267 समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. भारत ने पाकिस्तान समेत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य प्रमुख देशों के साथ इकट्ठा किए गए सबूत साझा किए. ये सबूत इस बात का खुलासा करते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का अलकायदा और तालिबान समेत सुन्नी वैश्विक आतंकी समूहों से भी संबंध हैं.
पुलवामा समेत कई आतंकी हमलों के दोषी अजहर को चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल कर चार बार बचाया था. लेकिन इस बार चीन नरम पड़ा. बता दें कि पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में अजहर के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आए थे.
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बीती 23 अप्रैल को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के समक्ष अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने का मुद्दा उठाया था. पाकिस्तानी आतंकी अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों पर अड़ंगा लगाने को लेकर गोखले ने चीन की नीतियों की निंदा भी की थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि दोनों देशों को एक दूसरे के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. इस दौरान भारतीय पक्ष ने चीन को मसूद अजहर की आतंकी गतिविधियों के सभी सबूत भी सौंपे थे.
क्या है 1267 प्रतिबंध समिति
1267 प्रतिबंध समिति के तहत संयुक्त राष्ट्र का कोई भी देश किसी आंतकवादी को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए निवेदन कर सकता है. इस पर सुरक्षा परिषद की स्थाई समिति का अनुमोदन करना जरूरी है. अगर सुरक्षा परिषद का कोई भी एक स्थाई सदस्य देश इस प्रस्ताव का वीटो करता है तो वह निवेदन पारित नहीं होगा. इससे पहले चीन भारत के इस प्रस्ताव को चार बार वीटो कर चुका है..