भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी टेस्ट मैच बारिश के कारण ड्रॉ पर खत्म हुआ. टीम इंडिया ने चार मैचों की यह टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है. ये पहला मौका है जब भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब रहा है. भारत ने पहली बार साल 1947 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और ये दौरा भारत का 12वां ऑस्ट्रेलियाई दौरा था. इसी के साथ 71 साल पुराना इतिहास बदलते हुए टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हराकर सीरीज़ पर 2-1 से अपना कब्ज़ा जमा लिया है. 1947/48 से शुरु हुई इस सीरीज़ में पहली बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में मात दी है. जबकि कुल 9वीं बार भारत ये सीरीज़ जीतने में कामयाब रहा है.
भारतीय टीम की ये जीत कई मायनों में बेहद खास है. क्योंकि टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया फतह करने में 71 साल, 12 दौरे और 12 कप्तान बदलने पड़े हैं. विराट कोहली भारत ऑस्ट्रेलिया में भारत की कप्तानी करने वाले 13वें कप्तान हैं. चौथे टेस्ट मैच की बात करें तो भारत ने अपनी पहली पारी 7 विकेट के नुकसान पर 622 रनों पर घोषित कर दी थी. भारत की तरफ से चेतेश्वर पुजारा ने (193), ऋषभ पंत ने (159), रविंद्र जडेजा ने (81), मयंक अग्रवाल ने (77) रनों की पारी खेली थी. जवाब में भारतीय गेंदबाजों ने भी शानदार गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 300 पर समेट कर उन्हें फॉलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया. भारत चौथे टेस्ट को भी जीतने के करीब नजर आ रहा था लेकिन चौथे और पांचवें दिन जमकर बारिश हुई और इस वजह से मुकाबला ड्रॉ घोषित कर दिया गया.
पूरी सीरीज़ में शानदार बल्लेबाजी के साथ 521 रन बनाने के लिए चेतेश्वर पुजारा को प्लेयर ऑफ द सीरीज़ का पुरस्कार दिया गया. उन्होंने चार मैचों की इस सीरीज़ में 3 शतक और एक अर्धशतक के साथ 74.42 के औसत से इस सीरीज़ में सबसे अधिक 521 रन बनाए.
एक नज़र डाल लेते है इस सीरीज़ के हर मैच पर: पहला टेस्ट: टीम इंडिया ने एडिलेड में खेले गए सीरीज़ के पहले टेस्ट को 31 रनों से जीतकर 1-0 की बढ़त बनाई थी.
दूसरा टेस्ट: इसके बाद पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बाज़ी पलटी और 146 रनों से जीत के साथ सीरीज़ में 1-1 की बराबरी पर आ खड़ी हुई.
तीसरा टेस्ट: लेकिन इसके बाद मेलबर्न टेस्ट से तो सीरीज़ का रुख ही बदल गया. भारत ने इस मैच को शानदार तरीके से 137 रनों से जीता और सीरीज़ जीत की उम्मीदों को पुख्ता कर दिया