यूपी में गठबंधन के बाद बिहार में फंसा गठबंधन का पेंच, सीट बटवारे को लेकर होगी रस्साकस्सी

पटना: लोकसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू होते ही सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश में जहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है वहीं पड़ोसी राज्य बिहार के महागठबंधन में अब भी सीटों को लेकर रार जारी है. बिहार में आठ दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन का दौर जारी है. राजद के नेता तेजस्वी यादव चाहते हैं कि जनवरी के अंत तक बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों का बंटवारा हो जाए.

गौरतलब है कि दूसरी तरफ एनडीए में पहली ही सीटों का बंटवारा हो चुका है. इसके तहत नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भाजपा 17-17 सीटों पर जबकि रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और सन ऑफ मल्लाह कहलाने वाले मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की एंट्री ने सीटों के पेंच को फंसा दिया है. साथ ही सीपीआई ने भी महागठबंधन का हिस्सा बनने की घोषणा करके कुछ सीटों की मांग की है. लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) क अध्यक्ष शरद यादव भी जदयू से निलंबित किए जाने के बाद उनके साथ कड़े रहने वाले नेताओं के लिए सीट चाहते हैं.

कांग्रेस पार्टी ने 12 सीट तो वहीं सीपीआई और साहनी की पार्टी ने तीन-तीन सीटों की मांग की है. सीपीआई माले, रालोसपा और जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) की मांग चार सीटों की है. सभी दल आरजेडी के लिए सिर्फ 14 सीटें छोड़ रहे हैं.

कई सीटों पर फंस सकता है पेंच
पिछले लोकसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. राजद ने अपने कोटे की 27 में से चार तो कांग्रेस ने 13 सीटों में से केवल दो पर जीत हासिल की थी. राजद इस बार भी 27 या उससे भी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. राजद की मानें तो उनका वोट शेयर महागठबंधन के बाकी दलों से ज्यादा है.

सीटों को लेकर विवाद की स्थिति भी बनती दिख रही है. रालोसपा और राजद के बीच जहानाबाद सीट को लेकर बातचीत जारी है. यहीं नहीं दरभंगा लोकसभा सीट के लिए भी तीन दावेदार है- राजद के अब्दुल बारी सिद्दकी, कांग्रेस के टिकट पर कीर्ति आजाद और वीआईपी के मुकेश साहनी। यही हाल सीतामढ़ी को लेकर भी देखने को मिल रहा है.

केवल सीट शेयरिंग ही नहीं है समस्या
कांग्रेस जहां सीट बंटवारे को लेकर फरवरी के पहले हफ्ते में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के होने वाली रैली को देखते हुए इंतजार कर रही है. वहीं आपसी बयानबाजी का दौर भी जारी है. राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि गठबंधन के सभी दलों को एक ही कॉमन एजेंडा के तहत एक ही चुनाव चिन्ह पर लड़ना चाहिए. उनके बयान पर जीतन राम मांझी ने कहा कि हम उनके बयानों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. बता दें कि मांझी ने हाल ही में रिम्स में लालू यादव से मुलाकात की थी.

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