पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में रेल ट्रैक पर डटे गुर्जर आंदोलनकारियों का विरोध फिलहाल जारी है. सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी बातचीत शनिवार को बेनतीजा रही. गुर्जर समाज को आरक्षण देने की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर रेल पटरियों पर बैठे गुर्जर नेता किरोडी सिंह बैंसला ने मुद्दे का हल निकालने के लिये पहुंचे सरकारी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद भी रेल पटरियों से हटने के मना कर दिया है.
पश्चिम मध्य रेलवे ने पिछले दो दिनों में करीब 200 सवारी और एक्सप्रेस रेल गाडियों को रद्द/ आशिंक रूप से रद्द/ मार्ग परिवर्तन किया है. आंदोलन का सबसे बुरा असर दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्त रूट पर पड़ा है. इसके अलावा आंदोलनकारियों ने कुछ प्रमुख हाइवे भी जाम कर दिए हैं. गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दूसरे दिन आंदोलनकारियों ने जयपुर-दिल्ली, जोधपुर-भीलवाडा और अजमेर-भीलवाडा राजमार्ग को अवरूद्व किया है.इसके चलते स्थानीय लोगों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
गुर्जर आरक्षण समिति के संयोजक किरोडी सिंह बैंसला ने कहा कि, ‘‘हम यहां से नहीं हटेंगें, धरना जारी रखेंगे, सरकार से कोई समझौता नहीं हुआ है. हम पांच प्रतिशत आरक्षण का आदेश चाहते है’’ उन्होंने कहा कि गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है इसलिये सरकार का दायित्व बनता है कि वह हमें आरक्षण दें.
इधर कांग्रेस अपने घोषणापत्र में आरक्षण का वादा कर फंसती नजर आ रही है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामला केंद्र के पाले में डालने की कोशिश की है. गहलोत ने कहा कि गुर्जरों को इस मामले में केंद्र को ज्ञापन देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा ऐसे में इस मामले में केंद्र ही कुछ कर सकती है.