रॉबर्ट वाड्रा के दफ्तर पर 15 घंटे तक चली ED की छापेमारी, रक्षा सौदों से जुड़े मामले में हुई कार्यवाही

शुक्रवार देर रात तक प्रवर्तन निदेशालय ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. खबर के मुताबिक ईडी के करीब 10-14 अधिकारी शनिवार सुबह तकरीबन 3 बजे तक छापेमारी के बाद रॉबर्ट वाड्रा के दफ्तर से बाहर निकले. यह छापेमारी रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में की गयी थी. प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पहली बार वाड्रा के सहयोगियों का नाम रक्षा सौदों में कथित तौर पर कमीशन लेने से जोड़ा गया है. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु के विभिन्न ठिकानों पर दोपहर 12 बजे से छानबीन शुरू की गई.

खबर है कि दिल्ली के सुखदेव विहार स्तिथ कार्यालय कम होम में शुक्रवार सुबह तकरीबन 9:30 बजे से ईडी की टीम छापेमारी करने के उद्देश्य से मौजूद थी. लेकिन 15-16 घंटों बाद वाड्रा के दफ्तर पर कुछ हरकत हुई. आधी रात को मुख्य सड़क की तरफ खुलने वाला दरवाज़ा खुला और एक के बाद एक अधिकारी बाहर निकले. इन अधिकारियों ने 3 सफेद सेडान गाड़ियों की डिक्की में कई फाइलें और 3 सील्ड लॉकर रखवाए.

स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी के एडवोकेट तबरेज का आरोप है कि ईडी दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित वाड्रा के ऑफिस में दरवाजे तोड़कर अंदर घुसी और कर्मचारियों को 13 से 14 घंटे तक बंद रखा. उनका कहना है कि ईडी ने गेट में लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया और ऑफिस को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया. उन्होंने दफ्तर के सभी केबिन के ताले भी तोड़ दिए हैं.

तबरेज ने आरोप लगाया कि ईडी की टीम जब ऑफिस में दाखिल हुई, तो अपनी पहचान भी उजागर नहीं की. हमको इसकी जानकारी शाम तक मिली, जबकि ईडी ने शुक्रवार सुबह 11 बजे से ही छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी थी. बताया जा रहा है कि ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबियों के दिल्ली स्थित तीन ठिकानों में छापेमारी की.

साथ ही वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने इस छानबीन पर नाराजगी जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि ईडी की टीम बिना ‘तलाशी वारंट’ दिखाए के उनके मुवक्किल के सहयोगियों के परिसरों में घुस गई.

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