वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन असल में कांग्रेस देश भर में बुरी तरह हारी. खास तौर से महाराष्ट्र और देश भर में हुए उपचुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका रहे, जिनसे आने वाले वक्त में पार पाना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी. इसके अलावा सहयोगियों का भरोसा जीतना भी मुश्किल होगा, क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन नतीजों में पार्टी अपने सहयोगियों से भी पीछे रही.
महाराष्ट्र में जनता ने महायुति गठबंधन पर फिर एक बार भरोसा जताया है. यहां भाजपा नीति महायुति गठबंधन ने 231 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस की लीडरशिप में लड़ी महाविकास अघाड़ी महज 47 सीटों पर ही सिमट गई. अन्य के खाते में 11 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस को महाराष्ट्र से काफी उम्मीदें थीं. झारखंड में जरूर कांग्रेस जेएमएम गठबंधन को जीत मिली, लेकिन इस जीत को हेमंत सोरेन की जीत माना जा रहा है. देश भर में हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस को कुछ खास नहीं मिल सका.
वायनाड में प्रियंका की बंपर जीत
वायनाड में प्रियंका गांधी को 6 लाख 22 हजार 338 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर सीपीआई के उम्मीदवार सत्यम मोकेरी को 2 लाख 11407 मत ही मिल सके. इस तरह प्रियंका गांधी ने यहां राहुल गांधी से बड़ी जीत दर्ज की. भाजपा यहां तीसरे स्थान पर रही, यहां बीजेपी के टिकट पर उतरे नव्या हरिदास के खाते में 1लाख 99939 वोट आए. यह सीट राहुल गांधी के इस्तीफा देने की वजह से खाली हुई थी.
महाराष्ट्र में महायुति का जलवा, बीजेपी सबसे आगे
महाराष्ट्र में महायुति का जलवा नजर आया, यहां गठबंधन को 231 सीटों पर जीत मिली. इनमें सबसे आगे बीजेपी रही, जिसने 132 सीटों पर जीत दर्ज की, शिवसेना शिंदे गुट को 57 और एनसीपी अजित पवार को 41 सीटों पर जीत मिली. यहां महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना यूबीटी 20 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी, जबकि कांग्रेस को महज 16 सीटों पर जीत मिली, जबकि महाविकास अघाड़ी की ओर से सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस ही थी. यहां एनसीपी शरत चंद्र पवार को 10 और सपा को महज 2 सीटों पर ही जीत मिल सकी. अन्य के खाते में 10 सीटें आईं.
झारखंड में 16 सीटों पर सिमटी कांग्रेस
झारखंड की जनता ने एक बार फिर हेमंत सोरेन पर भरोसा जताया और 24 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब लगातार दूसरी बार कोई दल यहां दूसरी बार सरकार बनाने जा रहा है. यहां जेएमएम को 34 सीटों पर जीत मिली, जबकि भाजपा यहां 21 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही. कांग्रेस यहां सिर्फ 16 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी, जबकि आरजेडी को 4 सीटों पर जीत मिली. सीपीआई एम को 2 सीटों पर जीत मिली.
उपचुनाव का ये रहा हाल
राजस्थान में 7 में से कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली, जबकि पंजाब में 4 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस सिर्फ एक सीट ही जीत सकी. असम में 4 सीटों पर उपचुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं आई. बिहार की 3 सीटों में से कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं मिली. गुजरात में भी कांग्रेस का आंकड़ा शून्य पर रहा, एक सीट पर ही उपचुनाव हुए थे. कर्नाटक के नतीजे जरूर कांग्रेस के लिए कुछ राहत लाए जहां की तीनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. केरल की 2 सीटों में से कांग्रेस को एक और मध्य प्रदेश की 2 सीटों में से भी कांग्रेस को 1 सीट पर जीत मिली. सिक्किम की 2, उत्तर प्रदेश की 9 और पश्चिम बंगाल की 5 सीटों पर भी उपचुनाव में कांग्रेस खाली हाथ रही. हालांकि महाराष्ट्र के नांदेड़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने अंतिम राउंड में जीत हासिल कर ली.
कांग्रेस परजीवी पार्टी अपने साथ दूसरों की नाव डुबो देती है: पीएम मोदी
कांग्रेस की बुरी तरह हाल पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आभार कार्यक्रम में चुटकी ली. बीजेपी मुख्यालय पर भाजपा को जनादेश देने वाली जनता का आभार जताने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस अब परजीवी पार्टी बन चुकी है. वह कहीं भी अपने दम पर चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है. वह अपने साथ दूसरों की नाव भी डुबो देती है.