शुरू हुआ 33वां अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प सूरजकुंड मेला, देश विदेश के कलाकारों ने दिखाई अपनी प्रस्तुतियां

फरीदाबाद के बड़खल विधानसभा क्षेत्र में लगने वाला 33वां अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प सूरजकुंड मेला शुक्रवार से शुरू हो गया है. एक फ़रवरी से सत्रह फ़रवरी तक चलने वाले इस मेले में 1600 देश विदेश के शिल्पकारों के स्टॉल लगाएं गए हैं. इस बार मेले की थीम महाराष्ट्र की तर्ज़ पर रखी गयी है और इसी के चलते आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मेले का शुभारम्भ किया.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी देश विदेश के पर्यटकों का 33वें सूरजकुंड मेले में स्वागत करते हुए कहा कि हमारी सरकार आने के बाद यह पांचवां सूरजकुंड मेला है और हम इस मेले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ के सपने को साकार करते हुए आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों से देश की एकता व अखंडता मजबूत होती है. इस मेले में 31 से ज्यादा देश हिस्सा ले रहे हैं और हम इसके लिए और अन्य देशों को भी निमंत्रण दिया जा रहा है. हम वासुधैव कुटंबकम की भावना पर चलते हुए पूरे विश्व को एक मानते हैं. विश्व का संघर्ष मानवता के लिए खतरा है और इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए हम विश्व में एकता व भाईचारे का संदेश पहुंचा सकते हैं.

मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि आज भी हरियाणा के युवाओं में देशभक्ति का जज्बा है और जब भी सेना की भर्ती होती है तो युवा बड़ी संख्या में आगे आते हैं. देश की आबादी में दो प्रतिशत तथा भौगालिक दृष्टि से 1.6 प्रतिशत प्रतिनिधित्व होने के बावजूद भी देश की सेनाओं में हरियाणा की सेनाओं का 10 प्रतिशत प्रतिनिधित्व है. उन्होंने कहा कि हरियाणा वीरों के साथ-साथ खिलाडिय़ों की धरती भी है और मैं जय जवान-जय किसान के साथ-साथ जय पहलवान हरियाणा के युवाओं के लिए कहता हूं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र का माटी और खून का रिश्ता है. यहां महाराष्ट्र के एक लाख से अधिक वीर मराठाओं ने पानीपत की तीसरी लड़ाई में देश को दुश्मनो से मुक्ति कराने के लिए अपना खून बहाया था. आज लाखों मराठा हरियाणा की धरती को अपनी मातृभूमि बनाकर यहां रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस लड़ाई में मराठाओं की जीत होती तो देश पर अंग्रेजों का राज नहीं होता और बहुत पहले ही भारत स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका होगा. उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेशों के सास्कृतिक संबंध और अधिक मजबूत हों इसके लिए महार्ष्ट्र सरकार जितना भी हो सकेगा अपना योगदान देगी. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि अगले वर्ष के सूरजकुंड मेले में आने वाले आगंतुक यहां के साथ-साथ पानीपत का भी दौरा करें और अपने महान इतिहास के बारे में जानकारी लें.

इस दौरान हरियाणा के प्रसिद्ध लूर नृत्य की प्रस्तुती खासी आकर्षण का केंद्र रही. मान्यता है कि यह नृत्य आमतौर पर कुवांरी लड़कियों द्वारा अपने भविष्य और अपनी शादी के सपनों पर आधारित है. हरियाणा के इस लोक नृत्य पर विदेशी मेहमान भी जमकर थिरके. इसके साथ ही थीम स्टेट महाराष्ट्र का लावणी नृत्य भी खासा पसंद किया किया. मेले के सहयोगी देश थाईलेंट के सुरिंद्रा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इंद्रवाद्य पर शानदार धुन प्रस्तुत की. साथ ही थाईलैंड के कलाकारों ने अपना पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.

इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारतीय डाक विभाग द्वारा सूरजकुंड मेले, रामायाण व महाभारत पर विशेष डाक फोल्डर जारी किया. साथ ही दोनों मुख्यमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ फोर्ट की प्रतिकृति का भी उद्घाटन किया. महाराष्ट्र व मराठा वीरता का प्रतीक यह किला महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी द्वारा स्थापित किया गया था. अब इस किले की प्रतिकृति मेला परिसर में स्थाई रूप से रहेगी. यह किला हर वर्ष यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करेगा और महाराष्ट्र की महान ऐतिहासिक गाथा का वर्णन करेगा.

Related posts

Leave a Comment