केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट थोड़ी ही देर में पारंपरिक मासिक पूजा के लिए खुल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया था, जिस पर विवाद हो रहा है. मंदिर से जुड़े लोग और स्वामी अयप्पा के अनुयायी इस फैसले को उनकी आस्था के खिलाफ बता रहे हैं.आपको बता दे की सबरीमाला मंदिर में सभी लड़कियों और महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मंदिर के द्वार आज खुलने जा रहे हैं. आज शाम 5 बजे सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने हैं. इस बीच भगवान अयप्पा की सैकड़ों महिला श्रद्धालुओं ने मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर जाकर उन महिलाओं को मंदिर से करीब 20 किलोमीटर पहले निलाकल में रोकने का प्रयास किया जिनकी आयु 10 से 50 साल है।
वही सबरीमला की आसपास की पहाड़ियों पर रहने वाले आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि सरकार और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर में 10 से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देकर सदियों पुरानी प्रथा को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को देखते हुए किसी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किये हैं. करीब एक हजार सुरक्षा कर्मी, जिनमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं, उन्हें निल्लेकल और पंपा बेस में तैनात किया गया है. वहीं, 500 सुरक्षा कर्मियों को सन्निधनम में तैनात किया गया है.