हरियाणा विधानसभा चुनाव में हो सकती है इन सीटों पर मज़बूत टक्कर, जानिए

हरियाणा विधानसभा चुनाव के रण में इस बार 18 विधानसभा सीटों पर प्रदेश की जनता की नजरें टिकी हैं और इन सीटों पर 18 दिग्गजों को इम्तिहान होगा। हरियाणा की सत्ता पाने के लिए चुनावी रण सज चुका है। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो, जजपा, लोसुपा, आप, बसपा इत्यादि दलों के उम्मीदवार मैदान में उतर चुके हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों का आंकड़ा भी कम नहीं है।

नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सात अक्टूबर को नाम वापसी के साथ ही चुनाव प्रचार जोर पकड़ लेगा। चुनाव मैदान में कुल कितने प्रत्याशी उतरे हैं, इसकी स्थिति भी साफ हो जाएगी। विधानसभा पहुंचने के लिए चुनाव लड़ने वालों में 18 ऐसे बड़े चेहरे हैं, जिनके चुनाव परिणाम पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।

वैसे तो सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों से जनता की अपने-अपने क्षेत्र के लिए उम्मीदें रहेंगी, लेकिन सरकार में भागीदारी कर चुके या करने वाले नेताओं से आमजन की इच्छाएं कुछ ज्यादा ही जुड़ी होती हैं। इनमें अनेक चेहरे ऐसे भी हैं, जिन्होंने सरकार के साथ ही संसद में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है।

अब देखना ये है कि इनमें से कितने जनता जर्नादन की उम्मीदों पर खरा उतर पाते हैं। सभी बड़े चेहरों को जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, चूंकि हरियाणा की जनता अपने हिसाब से ही जनादेश देती है। किसे कब मजा चखा दे, कुछ मालूम नहीं।

धुरंधरों को किससे मिल रही चुनौती
. सीएम मनोहर लाल दूसरी बार करनाल सीट से मैदान में हैं। वह 2014 में यहीं से पहला चुनाव लड़कर जीते और सीएम बने थे। कांग्रेस ने उनके मुकाबले अल्पसंख्यक बोर्ड के पूर्व चेयरमैन त्रिलोचल सिंह को उतारा है। पूर्व फौजी तेज बहादुर भी जजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।

. पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर गढ़ी सांपला किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने यहां सतीश नांदल को प्रत्याशी बनाया है। नांदल इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। जजपा ने यहां से डॉ. संदीप हुड्डा व इनेलो ने कृष्ण कौशिक को टिकट दी है।

. शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव मैदान में है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व सीपीएस राव दान सिंह को टिकट दी है। जजपा ने राव रमेश व इनेलो ने राजेंद्र शेखावत को मैदान में उतारा है।

. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज परंपरागत सीट अंबाला कैंट से ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस ने यहां से वेणु सिंगला अग्रवाल को उतारा है। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा यहां से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी हैं। इनेलो ने ओंकार सिंह को टिकट दी है।

. शहरी निकाय मंत्री कविता जैन तीसरी बार सोनीपत से चुनाव लड़ रही हैं। 2014 में यहीं से दूसरी बार जीतकर मनोहर लाल सरकार में मंत्री बनी। कांग्रेस ने सुरेंद्र पंवार को टिकट दी है। इनेलो ने बालकृष्ण शर्मा व जजपा ने अमित बिंदल को उतारा है।

. विधायक व पूर्व मंत्री रणदीप सुरजेवाला कैथल से ही दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। रणदीप ने जींद उपचुनाव भी लड़ा था, लेकिन तीसरे स्थान पर रहे। उनके मुकाबले भाजपा ने लीला राम गुर्जर को उतारा है। कैथल से इनेलो ने अनिल तंवर टिकट दी है।
. परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार इसराना से फिर मैदान में हैं। पिछली बार इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके मुकाबले कांग्रेस ने बलबीर बाल्मिकी को प्रत्याशी बनाया है। इनेलो ने रवि कल्सन को टिकट दी है।

. वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु फिर नारनौंद से मैदान में हैं, 2014 में वह पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे और वित्त मंत्री का अहम ओहदा पाया। यहां कांग्रेस ने बलजीत सिहाग को उतारा है। इनेलो ने युवा नेता जस्सी पेटवाड़ को प्रत्याशी बनाया है।

. कृषि मंत्री ओपी धनखड़ बादली सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में पहली बार यहां से जीते और सरकार में मंत्री पद पाया। कांग्रेस ने उनके मुकाबले कुल्दीप वत्स को टिकट दी है। इनेलो ने बादली से महावीर गुलिया को चुनाव मैदान में उतारा है।

. सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर फिर रोहतक सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में पहली बार जीते और मंत्री बने। कांग्रेस ने पूर्व विधायक बीबी बत्रा को टिकट दी है। जजपा ने राजेश सैनी व इनेलो ने पुनीत मयाना को उतारा है।

. पूर्व सीएलपी लीडर किरण चौधरी अपनी परंपरागत सीट तोशाम से से चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व सीएम बंसीलाल की विरासत को संभाला हुआ है। भाजपा ने यहां से शशिरंजन परमार को टिकट दी है। इनेलो कमला रानी को टिकट दी है।

. विधायक कुलदीप बिश्नोई फिर आदमपुर से किस्मत आजमा रहे हैं, भाजपा ने यहां से टीवी कलाकार व महिला मोर्चा उपाध्यक्ष सोनाली फौगाट को प्रत्याशी बनाया है। इनेलो ने राजेश गोदारा को टिकट दी है।
. पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन पंचकूला से चुनाव मैदान में हैं। उनकी कांग्रेस में वापसी हुई है। पिछला चुनाव उन्होंने हजकां की टिकट पर हिसार जिले से लड़ा था। यहां उनका मुकाबला भाजपा विधायक ज्ञान चंद गुप्ता से है। इनेलो ने करुणदीप चौधरी को टिकट दी है।

. पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा थानेसर सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अरोड़ा ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस का दामन थामा है। इससे पहले इनेलो में किस्मत आजमाते रहे। उनका मुकाबला भाजपा विधायक सुभाष सुधा से है। इनेलो ने कलावती सेन को टिकट दी है।

. पूर्व नेता प्रतिपक्ष व विधायक अभय चौटाला ऐलनाबाद से ताल ठोक रहे हैं। बीते चुनाव में भी वह यहीं से जीते थे। यहां से भाजपा ने फिर पवन बेनीवाल और कांग्रेस ने भरत सिंह बेनीवाल को टिकट दी है।

. पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला उचाना कलां से फिर मैदान में हैं। पिछला चुनाव इनेलो सांसद रहते लड़ा था, लेकिन बीरेंद्र चौधरी की पत्नी प्रेमलता से हार गए थे। इस बार भी उनका मुकाबला प्रेमलता से है। दुष्यंत इस बार जजपा से मैदान में हैं। कांग्रेस ने बलराम कटवाल को टिकट दी है।

. पूर्व विधायक नैना चौटाला इस बार डबवाली के बजाए बाढड़ा से मैदान में उतरी हैं। पिछला चुनाव उन्होंने डबवाली से जीता था। उनका मुकबला पूर्व सीएम बंसीलाल के सपुत्र रणबीर महेंद्रा व भाजपा विधायक सुखबीर मांढी से है।

. पूर्व भाजपा सांसद राजकुमार सैनी गोहाना से चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्होंने अपना अलग राजनीतिक दल लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी बनाई है। गोहाना में उनका मुकाबला कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक व भाजपा के तीर्थ सिंह राणा से है।

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