17 दिसंबर को जयपुर के जनपथ पर शपथ ग्रहण करेंगे अशोक गहलोत और सचिन पायलट…

जयपुर: 17 दिसंबर को राजस्थान के निर्वाचित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर के जनपथ पर आयोजित समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे. उनके साथ ही उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. दरअसल गहलोत-पायलट और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजस्‍थान हाईकोर्ट से जनपथ पर शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किए जाने की मांग की गई थी, जिसकी कोर्ट द्वारा अनुमति दे दी गई है. इसके बाद से शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को जादूगर पिता के पुत्र अशोक गहलोत को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया. यह फैसला न तो आसान था और न ही जल्दबाजी में हुआ. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं, विधायकों व पर्यवेक्षकों के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद जमीनी नेता की छवि रखने वाले गहलोत पर विश्वास जताया. राजस्थान की राजनीति के जातीय मिथकों को तोड़कर शीर्ष तक पहुंचे गहलोत को राज्य के शीर्ष नेताओं में से एक माना जाता है. वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बन रहे हैं.

साल 2013 के विधानसभा और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बावजूद गहलोत ने राज्य में कांग्रेस की प्रासंगिकता न केवल बनाए रखी बल्कि उसे नये सिरे से खड़ा होने में बड़ी भूमिका निभाई. इस बार राज्य के विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े के पास पहुंची तो उसमें गहलोत की राजनीतिक सूझबूझ व कौशल का बड़ा योगदान माना गया है.

पिछले कुछ समय से कांग्रेस के महासचिव (संगठन) का पदभार संभाल रहे गहलोत को जमीनी नेता और अच्छा संगठनकर्ता माना जाता है. मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले गहलोत 1998 से 2003 और 2008 से 2013 तक राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. गहलोत पहली बार 1998 में राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. उस समय कांग्रेस को 150 से ज्यादा सीटें मिली थीं और गहलोत पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष थे. तब परसराम मदेरणा नेता प्रतिपक्ष थे. उस समय भी पार्टी आलाकमान ने गहलोत पर भरोसा जताया था.

 

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