दिल्ली. दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने अगले एक हफ्ते में कोरोना संकट (Corona Crisis) से निपटने के लिए 20 हज़ार अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने की योजना बनाई है. इसके लिए दिल्ली के 40 छोटे-बड़े होटल में करीब 4 हज़ार कोविड बेड बनाए जाएंगे. इन्हें दिल्ली के निजी अस्पतालों के साथ अटैच किया जाएगा. जानकारी मिली है कि करीब 80 बैंक्वैट हॉल में 11 हज़ार कोविड बेड बनाए जाएंगे. इन्हें दिल्ली के नर्सिंग होम्स के साथ जोड़ा जाएगा. इसके अलावा 10 से 49 बेड वाले नर्सिंग होम्स को कोविड बेड बनाया जा रहा है, जिससे करीब 5 हज़ार बेड की व्यवस्था हो जाएगी. इन सभी को मिलाकर एक हफ्ते में 20 हज़ार बेड की व्यवस्था हो जाएगी.
दिल्ली के कुछ होटलों में किए गए हैं इंतजाम
दिल्ली के कुछ होटल में ये व्यवस्था शुरू हो गई है और निजी अस्पतालों के साथ अटैच कर वहां मरीजों का इलाज शुरू हो गया है. सभी जिलों के DM को अगले कुछ दिनों में इसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है. दिल्ली सरकार ने इन होटल और बैंक्वैट हॉल में इलाज के लिए दाखिल होने वाले मरीजों के लिए रेट भी तय करेगी. उससे ज्यादा मरीजों से नहीं लिए जा सकेंगे.
विशाल तंबू में बन रहा अस्थायी अस्पताल
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केजरीवाल सरकार लगातार सतर्कता बरत रही है. जानकारी मिली है कि दक्षिणी दिल्ली में विशाल तंबू में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए दस हजार बेड वाला अस्थायी कोविड-19 अस्पताल तैयार करने की योजना बनाई जा रही है. यह प्रस्तावित अस्पताल आध्यात्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग व्यास के दक्षिणी दिल्ली के कैम्पस में स्थापित किया जाएगा. राधा स्वामी सत्संग भाटी माइंस के सचिव विकास सेठी ने कहा कि संगठन का परिसर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के नजदीक में है. कोविड-19 हॉस्पिटल की लंबाई 1700 फुट जबकि चौड़ाई 700 फुट होगी.
दिल्ली का होगा सबसे बड़ा अस्थायी अस्पताल
विकास सेठी ने कहा कि यह इस तरह का दिल्ली का सबसे बड़ा अस्थायी अस्पताल होगा. जून के अंत तक इसका काम पूरा होने की संभावना है. दरअसल, दिल्ली सरकार के अनुमान के अनुसार जुलाई के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 रोगियों की संख्या पांच लाख से अधिक हो सकती है. तब कोविड-19 रोगियों के लिए लगभग एक लाख बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी. फिलहाल दिल्ली में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और निजी अस्पतालों में कोविड-19 के लिए समर्पित कुल 9,647 बिस्तरों की व्यवस्था है. इनमें से 5,402 पर रोगी भर्ती हैं.